मुस्लिम जरूर देखें... Haq ट्रेलर लॉन्च में Emraan Hashmi की खास अपील, बोले- यह एक न्यूट्रल फिल्म है
हक़' एक ऐसी महिला के संघर्ष की कहानी है जो समाज और कानून की कठोर सीमाओं को चुनौती देती है. फिल्म में यामी गौतम 'शाज़िया' नाम की महिला का किरदार निभा रही हैं, जो न्याय और अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है.;
बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) एक बार फिर एक गंभीर और सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्म के साथ बड़े पर्दे पर लौट रहे हैं. उनकी आने वाली फिल्म 'हक़' (Haq) की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है. यह फिल्म शाह बानो केस से प्रेरित एक कोर्टरूम ड्रामा (Courtroom Drama) है, जिसमें यामी गौतम लीड रोल निभा रही हैं. सोमवार को फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर इमरान हाशमी ने अपने अनुभव शेयर किए और इस फिल्म को लेकर अपने समुदाय और दर्शकों से एक खास अपील की. उन्होंने कहा कि 'हक़' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सोच है जो न्याय, समानता और धार्मिक दृष्टिकोण के बीच के संघर्ष को बेहद ईमानदारी से पेश करती है.
इमरान हाशमी ने कहा कि जब उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट पहली बार पढ़ी, तो उन्होंने इसे केवल एक एक्टर के तौर पर नहीं, बल्कि एक मुसलमान के नजरिए से भी देखा. उन्होंने बताया, 'जब मैं 'हक़' की कहानी पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि इस फिल्म में सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि एक सोच को दर्शाया गया है. उस ऐतिहासिक शाह बानो मामले में देश दो हिस्सों में बंटा हुआ था एक तरफ धर्म और आस्था थी, और दूसरी ओर संविधान और समान अधिकार. मुझे देखना था कि क्या इस कहानी में दोनों पक्षों को समान रूप से दिखाया गया है या नहीं और जब मैंने पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे यकीन हो गया कि यह कहानी बिल्कुल न्यूट्रल और बैलंस्ड है.'
मुस्लिम जरूर देखें
उन्होंने आगे कहा कि यह फिल्म किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और समानता के पक्ष में है. जब दर्शक सिनेमाघर से बाहर निकलेंगे, तो उनकी राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मैं जानता हूं कि ज्यादातर लोगों को यह फिल्म बेहद बैलेंस्ड और महिला-समर्थक लगेगी. मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन क्रिएशन है, जो मुसलमानों के उदार दृष्टिकोण को भी दर्शाती है. मैं चाहता हूं कि मेरे समुदाय के लोग जरूर इस फिल्म को देखें, क्योंकि इससे वे खुद को एक नए नजरिए से देख पाएंगे.'
क्या है फिल्म की कहानी
'हक़' एक ऐसी महिला के संघर्ष की कहानी है जो समाज और कानून की कठोर सीमाओं को चुनौती देती है. फिल्म में यामी गौतम 'शाज़िया' नाम की महिला का किरदार निभा रही हैं, जो न्याय और अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है. शाज़िया अपने पति से अलग होने के बाद न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाती है. लेकिन यह केवल एक केस नहीं होता यह लड़ाई बन जाती है आस्था, समानता और इंसाफ़ की. शाज़िया के संघर्ष से पूरे देश में एक ऐसी बहस छिड़ जाती है, जिसमें सवाल उठता है कि क्या धर्म और कानून को कभी अलग किया जा सकता है?.
इमरान हाशमी का किरदार
फिल्म में इमरान हाशमी, यामी गौतम के पति का किरदार निभा रहे हैं, जो पेशे से एक वकील हैं. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि वे अदालत में अपनी ही पत्नी शाज़िया के खिलाफ खड़े होते हैं. अदालत के अंदर दोनों के बीच जो वैचारिक टकराव होता है. यह टकराव सिर्फ कानूनी बहस नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास, आस्था और पहचान के बीच एक गहरी जंग है. फिल्म दिखाती है कि कैसे एक रिश्ते में प्यार होने के बावजूद, सोच और सिद्धांतों का फर्क लोगों को आमने-सामने ला देता है.
फिल्म में नजर आएंगे ये एक्टर्स
फिल्म में शीबा चड्ढा, दानिश हुसैन, असीम हट्टंगडी और नवोदित वर्तिका सिंह ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. सभी कलाकारों के प्रदर्शन से कहानी और भी प्रभावशाली बनती है. यह फिल्म पत्रकार जिग्ना वोरा की किताब 'बानो: भारत की बेटी' से इंस्पायर्ड है. कहानी भारत के उस दौर की झलक दिखाती है जब एक महिला की आवाज़ ने पूरे देश में धर्म और कानून के टकराव पर चर्चा छेड़ दी थी.
फिल्म का मैसेज
'हक़' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सामाजिक विमर्श है. यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या न्याय को कभी धर्म से अलग किया जा सकता है? क्या एक महिला का अधिकार उसके धर्म से कमतर है? और क्या समाज उसे अपनी आस्था के नाम पर न्याय से वंचित कर सकता है?.फिल्म इन सवालों को बेहद संवेदनशील और सोचने पर मजबूर करने वाले अंदाज़ में उठाती है.