दिवगंत गजल गायक Pankaj Udhas को मरणोपरांत पद्म भूषण से किया सम्मानित, भावुक हुईं पत्नी और बेटियां
पंकज उधास का निधन 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के बाद हुआ था, वे 72 वर्ष के थे. उनके निधन से भारतीय संगीत जगत ने एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार को खो दिया. अब उनके निधन के एक साल बाद उन्हें भारत सरकार की ओर से मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.;
ग़ज़ल गायक पंकज उधास को सोमवार, 28 अप्रैल 2025 को मरणोपरांत (उनके निधन के बाद) भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. सम्मान समारोह नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पंकज उधास की पत्नी फ़रीदा उधास को यह पुरस्कार सौंपा. फ़रीदा उधास ने इस खास मौके पर एक सुंदर आइवरी (सफ़ेद) रंग की साड़ी पहनी थी.
अवार्ड लेने समय उनकी आंखों में अपने पति के लिए गर्व और भावुकता दोनों झलक रहे थे. साथ में उनकी बेटियां, नायाब और रीवा उधास भी मौजूद थी. दोनों बेटियां भी इस पल में बेहद गर्वित और भावुक नज़र आईं. पंकज उधास का निधन 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के बाद हुआ था, वे 72 वर्ष के थे. उनके निधन से भारतीय संगीत जगत ने एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार को खो दिया.
पंकज उधास के करियर पर एक नज़र
पंकज उधास भारत के बेहद मशहूर और प्रिय ग़ज़ल गायक रहे. उनकी आवाज़ में जो मिठास और भावना थी, वह सीधे दिल को छू जाती थी. उन्होंने 1980 के दशक में ग़ज़ल गायन में अपनी खास पहचान बनाई. उनका मशहूर गीत 'चिट्ठी आई है' आज भी लोगों के दिलों में ताजा है. इसके अलावा उनके प्रसिद्ध एल्बमों में 'आहट', 'नशा', और कई अन्य शामिल हैं, जिन्होंने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया था. पंकज उधास ने ग़ज़लों में शास्त्रीय संगीत की गहराई और आधुनिक धुनों का बेहतरीन मेल किया. उनके गाए गजल गीत न सिर्फ बुजुर्गों बल्कि यंग जनरेशन को भी खूब पसंद आए.