काजल कुमारी के Video असली हैं या AI Deepfake... क्या है 15 साल की भोजपुरी एक्ट्रेस के वायरल MMS का सच?
भोजपुरी सिनेमा की उभरती कलाकार काजल कुमारी का कथित MMS वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया. लेकिन डिजिटल जांच में पता चला कि यह वीडियो असली नहीं, बल्कि AI डीपफेक तकनीक से बनाया गया फर्जी क्लिप था. 15 साल की काजल और उनके परिवार को न सिर्फ ट्रोलिंग झेलनी पड़ी, बल्कि ब्लैकमेलरों ने 30 लाख रुपये की डिमांड भी की. मामला अब साइबर क्राइम के तहत दर्ज हो चुका है। यह घटना बताती है कि AI आज बदनामी का नया हथियार बन चुका है.;
भोजपुरी इंडस्ट्री में ग्लैमर से ज्यादा चर्चा आजकल फेक वीडियो की हो रही है. इस बार निशाने पर आईं 15 साल की उभरती एक्ट्रेस काजल कुमारी, जिनका कथित MMS वायरल कर दिया गया. सोशल मीडिया पर फैलाए गए वीडियो ने उनके करियर, इमेज और मानसिक शांति- तीनों को झटका दिया. लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि जिसे लोग “लीक MMS” मानकर वायरल कर रहे थे, वह असल में 100% फर्जी और AI आधारित डीपफेक वीडियो था.
कला से ज्यादा कांड पर फोकस करने वाली भीड़ ने एक बच्ची जैसे कलाकार को ट्रोल कर दिया, जबकि सच्चाई सामने आने पर मामला साइबर क्राइम और ब्लैकमेलिंग का निकल आया. यह सिर्फ एक MMS विवाद नहीं, बल्कि हकीकत का वह आईना है जो बताता है. डिजिटल दुनिया में कोई भी चेहरा मिनटों में बदनाम किया जा सकता है.
कौन हैं काजल कुमारी?
बिहार के विक्रमगंज में जन्मीं काजल ने 10 साल की उम्र में भोजपुरी म्यूजिक वीडियो से शुरुआत की थी. खेसारी लाल यादव जैसे बड़े स्टार्स के साथ उनके कई वीडियो वायरल हुए. इंस्टाग्राम पर उनकी रील्स पर लाखों लाइक्स आते हैं. एक्टिंग के साथ वे गाना भी गाती हैं, इसलिए फैंस उन्हें "बच्ची सुपरस्टार" कहते हैं.
कथित MMS वायरल, सोशल मीडिया पर तूफ़ान
हाल ही में अचानक इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यूट्यूब पर “Kajal Kumari Viral Video 2025” नाम से एक क्लिप घूमने लगी. X (ट्विटर) पर #KajalKumariMMSLeak घंटों तक ट्रेंड करता रहा. कई भोजपुरी फैन पेजों ने बिना जांच किए इसे असली बताकर शेयर भी कर दिया.
डिजिटल जांच ने खोल दिया सच
वीडियो एनालिसिस के बाद खुलासा हुआ कि यह पूरा MMS डीपफेक था. AI की मदद से किसी और के शरीर पर काजल का चेहरा लगाया गया था. साइबर एक्सपर्ट्स ने कहा, "चेहरे के पिक्सल मैपिंग, ब्लिंकिंग पैटर्न और शैडो एलाइनमेंट से साफ पता चलता है कि यह एडिटेड वीडियो है."
परिवार से 30 लाख की मांग
काजल के परिवार ने बताया कि वीडियो हटाने और बदनाम न करने के बदले 30 लाख रुपये की डिमांड की गई. यानी मामला सिर्फ वायरल का नहीं, पैसे उगाही का था. काजल ने खुद कैमरे पर रोते हुए कहा, “मैं सिर्फ 15 साल की हूं, मुझे बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.”
इससे पहले भी भोजपुरी इंडस्ट्री रही शिकार
अक्षरा सिंह, त्रिशाकर मधु, शिल्पी राज... इन सभी का नाम AI या मॉर्फ्ड वीडियो विवादों में खींचा जा चुका है. कई मामलों में सच्चाई सामने आने में महीनों लगे, लेकिन तब तक करियर और इमेज को भारी नुकसान हो चुका था.
AI Deepfake- फिल्म इंडस्ट्री का नया डर
एक तरफ AI फिल्मों में VFX, डायलॉग क्लोनिंग और रीकास्टिंग का भविष्य बना रहा है, वहीं दूसरी तरफ यही तकनीक बदनामी, ब्लैकमेलिंग और साइबर एब्यूज का हथियार बनती जा रही है. काजल का केस बताता है कि तकनीक जितनी ताकतवर होती है, उतनी ही खतरनाक भी.
हर डिजिटल यूज़र के लिए चेतावनी
आज एक MMS से एक नाबालिग का नाम मिट्टी में मिल सकता है. कल यह किसी और के साथ होगा. डीपफेक रोकने के लिए भारत में अब भी कोई ठोस कानून नहीं, और यह कमी अपराधियों के लिए “डिजिटल हथियार” बन चुकी है. सवाल अब सिर्फ यह नहीं कि वीडियो फर्जी था. अब सवाल यह है कि अगला टारगेट कौन?