मैं इससे सहमत नहीं..' Kantara : Chapter 1 फिल्म में महिला किरदारों के लिए ट्रोल हुए Rishab Shetty ने अब दिया जवाब

'कांतारा चैप्टर 1' रिलीज होने के बाद ऋषब शेट्टी ने कांतारा में महिला किरदारों को गलत तरीके से दिखाए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा है कि वह इससे बिल्कुल सहमत नहीं है. उनकी हर फिल्म में महिला किरदारों की अहमियत है.;

( Image Source:  Instagram : rishabshettyofficial )
Edited By :  रूपाली राय
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'कांतारा चैप्टर 1' के लिए अपनी दमदार एक्टिंग की तारीफें बटोर रहे ऋषब शेट्टी ने हाल ही में उन आलोचनाओं पर चुप्पी तोड़ी है, जो साल 2024 में 'कांतारा' के समय छिड़ी थी. उन्हें 'कांतारा' रिलीज के बाद इसलिए ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बॉलीवुड फिल्मों पर कटाक्ष किया था. उन्होंने कन्नड़ में कहा कि 'भारतीय फिल्में, खासकर बॉलीवुड, इंटरनेशनल लेवल पर भारत को निगेटिव लाइट में दिखाती हैं.' यह बयान वायरल हो गया, और बॉलीवुड सपोर्टर्स ने इसे साउथ vs बॉलीवुड विवाद के रूप में लिया.

खासकर इस विवाद में कांतारा के उस सीन को जोड़ा गया था जिसमें फिल्म का किरदार शिवा एक्ट्रेस की कमर की तरफ पींच करता है. 'कांतारा' फिल्म को इसके किरदारों, खासकर सप्तमी गौड़ा द्वारा निभाई गई नायिका की भूमिका के लिए आलोचना मिली थी. लोगों ने कहा कि लीड एक्टर 'शिवा' का व्यवहार महिलाओं के प्रति गलत है और उसकी प्रेमिका को कमजोर और खलनायक जैसा दिखाया गया है. अब, जब 'कांतारा चैप्टर 1' रिलीज हो चुकी है, ऋषभ शेट्टी इन आलोचनाओं का जवाब दे रहे हैं.

अब तोड़ी चुप्पी 

न्यूज़18 शोशा से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि कंतारा सिर्फ पुरुषों की दुनिया है. पहली फिल्म में मां (मानसी सुधीर) का किरदार बेहद महत्वपूर्ण था. दैव नर्तक की कहानी जितनी अहम है, मां की भूमिका भी उतनी ही ज़रूरी है.' ऋषभ ने फिल्म के क्लाइमेक्स का ज़िक्र करते हुए समझाया कि जब मेरा किरदार दैव आत्मा का रूप धारण करके नृत्य अनुष्ठान करता है, तो उस पल मेरी मां भी उसका हिस्सा होती हैं. वह ढोल बजा रही होती हैं और दैव नर्तक उनका आशीर्वाद लिए बिना अनुष्ठान शुरू ही नहीं कर सकता. हमारी कहानी दैवीय ऊर्जा पर आधारित है और मां उसी शक्ति का प्रतीक हैं.' 

शिवा और मां का रिश्ता

ऋषभ ने बताया कि शिवा के किरदार को शुरुआत में एक निगेटिव, निडर और जिद्दी व्यक्ति की तरह दिखाया गया. लेकिन उसका एक कमजोर पहलू भी था. वह अपनी मां से बेहद डरता है और उनसे गहरा इमोशनल रिश्ता रखता है. उन्होंने कहा, 'जब शिवा बुरे सपने देखता है, तो वह भागकर अपनी मां के पास जाता है और उनके बगल में बच्चे की तरह सो जाता है.' 

फीमेल किरदारों की अहमियत 

ऋषभ शेट्टी ने अपनी फिल्मों में महिला किरदारों को दिए गए महत्व पर भी जोर दिया. उनका कहना था, 'मेरी हर फिल्म में महिला किरदार कहानी का आधार होते हैं. यहां तक कि 'कंतारा चैप्टर 1' में भी कनकवती एक बेहद मजबूत और प्रभावशाली किरदार है. मैं जानता हूं कि कुछ लोगों को अलग नज़र आया होगा, लेकिन मेरे अनुसार मैंने महिला किरदारों को हमेशा सही जगह दी है.' प्रीक्वल 'कंतारा चैप्टर 1' में रुक्मिणी वसंत राजकुमारी कनकवती के रूप में नज़र आ रही हैं. वह भी फिल्म में महिलाओं की भूमिका पर उठे सवालों का जवाब देती हैं. 

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