दिलीप कुमार कैसे बने AR Rahman, कहां से उन्हें मिला इस नाम का सुझाव? कहानी पूरी फिल्मी है
AR Rahman Divorce: हाल ही में आई एआर रहमान और सायरा के तलाक की खबर ने सभी को चौका दिया है. दोनों कपल ने 29 साल बाद अलग होने का पैसला लिया है. लगभग 3 दशक तक साथ निभा रहे कपल ने इतना बड़ा फैसला कर सभी को हैरान कर दिया है. दोनों के तलाक के बाद से लोगों के मन में बहुत सी बाते चल रही हैं, जिनमें से कुछ लोगों को जानना है कि आखिर रहमान ने अपना धर्म क्यों बदला. वह हिंदु थे तो उन्होंने दूसरे धर्म को क्यों अपनाया...आइए जानते हैं इसके पीछे की शानदार वजह.;
AR Rahman Divorce: ऑस्कर विनर सिंगर एआर रहमान की तलाक की खबर से हर किसी को झटका लगा है. उनकी पत्नी ने शादी के 30 साल बाद पति से अलग होने का फैसला किया है. वकील ने प्रेस रिलीज जारी कर उनके अलग होने की वजह बताई है. इन सबके बीच लोगों के मन में बहुत से सवाल हैं. लोग सोच रहे हैं कि आखिर क्यों रहमान ने धर्म परिवर्तन किया और उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें.
एआर रहमान का असली नाम दिलीप कुमार था. वह हिंदू परिवार में जन्मे थे, लेकिन 1989 में महज 23 साल की उम्र में उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया. इसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर अल्लाह रक्खा रहमान (एआर रहमान) रख लिया. उनका मानना है कि इस्लाम ने उन्हें सिंपल जीवन जीने और इंसानियत का रास्ता सिखाया.
धर्म परिवर्तन की असली वजह
एआर रहमान ने बताया कि उनके पिता कैंसर से जूझ रहे थे. उनके अंतिम दिनों में एक सूफी संत ने उनके इलाज में मदद की. इसके कुछ साल बाद जब रहमान की मुलाकात फिर से उस सूफी संत से हुई, तो उनकी बातें रहमान के दिल में गहराई तक उतर गईं. उन्होंने इस्लाम को अपनाने का फैसला किया. रहमान ने कहा, "सूफी संत की बातों ने मुझे बहुत शांति दी और मुझे एक नया रास्ता दिखाया."
एआर रहमान ने "द स्पिरिट ऑफ म्यूजिक" में बताया कि उन्हें अपना पुराना नाम दिलीप कुमार पसंद नहीं था. उनका मानना था कि यह नाम उनकी पहचान और उनके पर्सनेलिटी से मेल नहीं खाता.
रहमान ने खुलासा किया कि एक हिंदू ज्योतिषी ने उन्हें मुस्लिम नाम रखने की सलाह दी थी. ज्योतिषी ने उन्हें 'अब्दुल रहमान' और 'अब्दुल रहीम' नाम सुझाए. इनमें से 'रहमान' नाम उन्हें तुरंत भा गया. अपनी मां के कहने पर उन्होंने अपने नाम में 'अल्लाह रक्खा' जोड़कर खुद को 'अल्लाह रक्खा रहमान' नाम दे दिया.
शादी की अनोखी शर्तें
एआर रहमान अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि उनके पास शादी के लिए समय ही नहीं था. उन्होंने अपनी मां से दुल्हन ढूंढने के लिए कहा और तीन शर्तें रखीं:दुल्हन खूबसूरत होनी चाहिए, वह पढ़ी-लिखी हो और उसका स्वभाव दयालु होना चाहिए.
रहमान की मां को ये सभी गुण सायरा में नजर आए. उन्होंने सायरा को अपनी बहू बनाने का फैसला लिया. रहमान और सायरा की शादी एक प्यार और आपसी समझ का प्रतीक मानी जाती थी, हालांकि तलाक की खबर ने सभी को चौंका दिया है.