छठ गीतों से विवाह समारोह तक: हर पीढ़ी को भाती है शारदा सिन्हा की धुन, देखें VIDEO
शारदा सिन्हा, अपनी मधुर आवाज से फैंस का दिल जीतने वाली यह महान गायिका अब हमेशा के लिए खामोश हो गई हैं. इस बीच, हम उनके कुछ विशेष छठ गीतों को याद कर रहे हैं, जो उन्होंने छठ महापर्व के लिए गाए थे. आज छठ का दूसरा दिन है, और उनकी आवाज की मिठास इन गीतों के माध्यम से हमेशा हमारे बीच जीवित रहेगी.;
लोकगायिका शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं. वे काफी समय से बीमार थीं. सिंगर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक छठ के गीत गाए, भजन गाए. लेकिन जब 2024 छठ का पर्व आया तो शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
शारदा सिन्हा, अपनी मधुर आवाज से फैंस का दिल जीतने वाली यह महान गायिका अब हमेशा के लिए खामोश हो गई हैं. इस बीच, हम उनके कुछ विशेष छठ गीतों को याद कर रहे हैं, जो उन्होंने छठ महापर्व के लिए गाए थे. आज छठ का दूसरा दिन है, और उनकी आवाज की मिठास इन गीतों के माध्यम से हमेशा हमारे बीच जीवित रहेगी.
शारदा सिन्हा के लिए लगभग 15 गीत लिखने वाले गीतकार हृदय नारायण झा से बातचीत हुई है. उन्होंने अब तक कुल नौ छठ गीत लिखे हैं, जिनमें पांच मैथिली में और चार भोजपुरी में हैं. इनमें उनका लेटेस्ट गाना भी शामिल है, जो हाल ही में दिल्ली एम्स से रिलीज़ हुआ है.
शारदा सिन्हा का नाम छठ गीतों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है. उनकी मधुर आवाज में गाए गए छठ गीतों ने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया है. उनकी प्रस्तुतियों में "पहिले पहिल हम कइल छठी माई," "केलवा के पात पर उगेलन सूरज देव," और "हो दीनानाथ" जैसे गीत बेहद लोकप्रिय हैं. उनके गीत न केवल बिहार और उत्तर भारत में बल्कि पूरे देश में छठ पर्व के दौरान बजते हैं, और उनकी आवाज हर साल छठ पूजा की भव्यता को बढ़ा देती है.
"कहे तोसे सजना" शारदा सिन्हा का एक बेहद लोकप्रिय और खूबसूरत गीत है, जो पारंपरिक भारतीय शादियों की रस्मों और भावनाओं को जीवंत कर देता है. उनकी सुरीली आवाज़ इस गीत को हर पीढ़ी के लिए खास बनाती है. यह गीत शादी समारोहों में उत्साह और प्रेम के माहौल को और भी खास बना देता है, और शारदा सिन्हा की गायकी ने इसे एक अमर लोकगीत बना दिया है.