फोक सिंगर Sharda Sinha की बिगड़ी तबियत, दिल्ली एम्स में हुईं भर्ती

शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध भारतीय फोक सिगार हैं जिन्हें खास तौर से बिहार के लोक संगीत में उनके योगदान और मैथिली भाषा में उनके काम के लिए जाना जाता है. आज सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू वार्ड में रखा गया है. हालांकि उनके मेडिकल स्टाफ द्वारा अब तक कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया है.;

( Image Source:  Instagram : shardasinha_official )
Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 26 Oct 2024 3:27 PM IST

फोक सिंगर शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. आज सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू वार्ड में रखा गया है. हाल ही में उनके 80 वर्षीय पति ब्रज किशोर की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई.

इस साल, शारदा और उनके पति ने अपनी 54वीं शादी की सालगिरह मनाई. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दिग्गज फोक सिंगर को पिछले कुछ दिनों से खाने-पीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. हालांकि उनके मेडिकल स्टाफ द्वारा अब तक कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया है.

इन गानों में दी अपनी आवाज

बता दें कि फोक सिंगर शारदा सिन्हा ने सूरज बड़जात्या की फिल्म 'मैंने प्यार किया' के सॉन्ग 'कहे तोसे सजना' और 'हम आपके हैं कौन' के सॉन्ग 'बाबुल जो तूने सिखाया' में अपनी मधुर आवाज दी है. शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध भारतीय फोक सिंगर हैं. जिन्हें खास तौर से बिहार के लोक संगीत में उनके योगदान और मैथिली भाषा में उनके काम के लिए जाना जाता है. उन्होंने पारंपरिक लोक गीतों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अपने संगीत के जरिए से गहरी सांस्कृतिक कथाओं को व्यक्त करने का उनमें कौशल है.

'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं

सिन्हा ने कई फिल्मों में भी काम किया है और क्षेत्रीय लोक परंपराओं को उजागर करने वाले साउंडट्रैक में अपनी आवाज दी है. उनकी दमदार आवाज़ और सिंगिंग स्किल ने उन्हें उनके फैंस के लिए लीजेंड बनाया है. वह अपनी सिंगिंग परफॉरमेंस और रिकॉर्डिंग के माध्यम से बिहार के ट्रडिनेशल को उजागर करती हैं. बिहार की रहने वाली हैं शारदा सिन्हा को मैथिली और भोजपुरी गाने गाने के लिए जाना जाता है. उनकी कुछ लोकप्रिय गीतों में 'विवाह गीत' और 'छठ गीत' शामिल हैं. संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है.

उनके फेमस गीतों की बात करें तो 'हर्दी हरदिया', 'सुना हो पाहून', 'बन्नी के हाथों में', 'पहली पहल छठ मैया', 'हे गंगा मइया' जैसे अन्य लोकप्रिय गीत गाए हैं. उन्होंने 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' में 'तार बिजली से पतले' और वेब सीरीज 'महारनी' में 'निर्मोहिया' गाने में भी अपनी आवाज दी है.

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