नार्थ इंडियन एक्टर्स के पोस्टर देखकर अपमानित हुए थे Chiranjeevi,कहा- मुझे बहुत बुरा लगा
साउथ दिग्गज एक्टर चिरंजीवी ने 90 के दशक की उस घटना के बारें में बताया जब वह एक फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे और वहां उन्हें सिर्फ ज्यादतर नार्थ इंडियन एक्टर्स के पोस्टर नजर आए. एक्टर ने कहा उन्हें इस बात से बेहद अपमानित महसूस हुआ. हालांकि अब उनका मानना है कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री को पहले के मुकाबले अब काफी सम्मान मिलता है.;
साउथ भारतीय सिनेमा कितना आगे आ गया है, इस बात को पॉइंट आउट करते हुए एक्टर चिरंजीवी ने सालों पहले की एक घटना को याद किया. फायरसाइड चैट के सबसे हालिया एपिसोड में, उन्होंने बताया कि 90 के दशक में गोवा में एक फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने के दौरान उन्हें कैसे बेहद गुस्सा आया और अपमानित महसूस हुआ था.
चिरंजीवी का मानना है कि साउथ सिनेमा को आज से पहले की तुलना में अधिक सम्मान मिलता है. उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि मुझे गोवा में एक फिल्म फेस्टिवल में इनवाइट किया गया था. मैं हाई टी के लिए बैठा और परफॉरमेंस पर सभी पॉपुलर नार्थ इंडियन एक्टर्स के पोस्टर देखे. एकमात्र साउथ इंडियन एक्टर्स जिनके पोस्टर लगाए गए थे वे राजकुमार, एमजीआर और दो अन्य थे. मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि एनटीआर, एएनआर, शिवाजी गणेशन कहां हैं?.'
हममें भी क्षमता है
उन्होंने कहा कि इससे उन्हें विश्वास हो गया कि उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री की कोई परवाह नहीं है. जिससे पता चलता है कि उन्होंने रिवेंज के कारण कुछ हिंदी फिल्मों में एक्टिंग की. दिग्गज एक्टर का कहना है कि साउथ संभावनाओं से भरी फिल्म इंडस्ट्री है. लेकिन उन्हें हमारी परवाह नहीं थी, उनके मुताबिक सिर्फ बॉलीवुड ही भारतीय था. मैं गुस्से में था और अपमानित महसूस किया था. मैंने 'प्रतिबंध' और 'आज का गुंडा राज' जैसी फिल्मों में बदले की भावना से काम किया, यह दिखाने के लिए कि हममें भी क्षमता है. लेकिन अब पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है, इसके लिए एसएस राजामौली, प्रशांत नील, सुकुमार, ऋषभ शेट्टी, एटली और लोकेश कनगराज जैसे निर्देशकों को धन्यवाद दूंगा।'
फिल्म ने अवार्ड दिलाया पैसे नहीं
उसी बातचीत में, चिरंजीवी ने खुलासा किया कि जबकि उनका दिल टॉप क्लासिक फिल्में पसंद करता है. वह निर्माताओं के प्रति दायित्व के कारण कमर्सिअल फिल्मों में काम करते हैं. उन्होंने खुलासा किया कि 'रुद्रवीना' ने उन्हें अवार्ड तो दिलाए, लेकिन कोई पैसा नहीं कमाया. उन्होंने कहा, 'मेरी नौकरी से संतुष्टि निर्माता के रेवेन्यू से ज्यादा जरुरी नहीं हो सकती.
2007 में लिया सिनेमा से ब्रेक
राजनीति में प्रवेश करने के लिए चिरंजीवी ने 2007 की 'शंकर दादा जिंदाबाद' के बाद सिनेमा से ब्रेक ले लिया. उन्होंने 2008 में 'प्रजा राज्यम' पार्टी का गठन किया, लेकिन 2011 में इसे भंग कर दिया गया. 2017 में, उन्होंने अपनी 150वीं फिल्म, 'कैदी नंबर 150' के साथ सिनेमा में वापसी की तब से, उन्होंने 'सई रा नरसिम्हा रेड्डी', 'आचार्य', 'गॉडफादर', 'वाल्टेयर वीरय्या' में जैसी फिल्मों में काम किया है.