'ब्राह्मणों पर पेशाब' वाले कमेंट को लेकर Anurag Kashyap ने मांगी माफी, कहा - जो बोलना है मुझे बोले, परिवार को नहीं
अनुराग कश्यप ने फिल्म फुले को लेकर सेंसरशिप से जुड़ी चिंताओं पर सवाल उठाया था. प्रतिक गांधी और पत्रलेखा स्टारर 'फुले' 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी लेकिन महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय द्वारा फिल्म पर आपत्ति जताने के बाद इसकी रिलीज को कथित रूप से टाल दिया गया था.;
शुक्रवार की रात, फिल्म निर्देशक और एक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने 'फुले' फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच ब्राह्मण समुदाय पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांगी. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर करते हुए लिखा, 'कोई भी काम या बयान ऐसा नहीं होना चाहिए जो आपकी बेटी, परिवार या दोस्तों के लिए शर्मिंदगी का कारण बने.' ‘महाराज’ स्टार को उस बयान के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा.
जिसमें उन्होंने कहा था कि 'वह ब्राह्मणों पर पेशाब करेंगे.' अपने माफीनामे में उन्होंने लिखा, 'यह मेरी माफ़ी है – मेरी पूरी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक लाइन के लिए, जिसे संदर्भ से हटाकर पेश किया गया और जिससे नफरत फैल रही है. कोई भी बात या काम इतना बड़ा नहीं होता कि उसकी वजह से आपकी बेटी, परिवार, दोस्तों या साथियों को संस्कार के ठेकेदारों से बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिलें.'
जो लोग इस मामले से अनजान हैं, उन्हें बता दें कि एक सोशल मीडिया यूज़र ने अनुराग कश्यप से कहा था, 'ब्राह्मण तुम्हारे बाप हैं... जितना उनसे उलझोगे, उतना ही वे तुम्हें जलाएंगे. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कश्यप ने जवाब दिया, 'मैं ब्राह्मणों पर पेशाब करूंगा... कोई दिक्कत?.'
मैं आपसे माफ़ी मांगता हूं
उन्होंने आगे कहा, 'जो कहा गया, वह अब वापस नहीं लिया जा सकता – और मैं उसे वापस लूंगा भी नहीं. लेकिन अगर आपको गुस्सा निकालना है, तो मुझ पर निकालें. मेरे परिवार ने न तो कुछ कहा है और न ही वे कभी ऐसा करते हैं.' उन्होंने आगे लिखा, 'तो अगर आप माफी चाहते हैं, तो यह मेरी माफी है. ब्राह्मणों से मेरी गुज़ारिश है कि कृपया महिलाओं को छोड़ दें – आखिर हमारे शास्त्र भी मर्यादा और सम्मान की सीख देते हैं, सिर्फ़ मनुस्मृति ही नहीं. अब ये आप पर है कि आप तय करें कि आप किस तरह के ब्राह्मण बनना चाहते हैं. जहां तक मेरा सवाल है, मैं अपनी कही गई बातों के लिए माफी मांगता हूं.'
'फुले' का किया था बचाव
अनुराग कश्यप ने फिल्म 'फुले' को लेकर सेंसरशिप से जुड़ी चिंताओं पर सवाल उठाया था. प्रतिक गांधी और पत्रलेखा स्टारर 'फुले' 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी लेकिन महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय द्वारा फिल्म पर आपत्ति जताने के बाद इसकी रिलीज को कथित रूप से टाल दिया गया था. अब यह फिल्म आगे बढ़कर 25 अप्रैल को रिलीज हो रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ने हैरानी जताई कि जब फिल्म अभी रिलीज ही नहीं हुई है, तो लोग इसे देखकर इसके खिलाफ कैसे बोल रहे हैं. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जातिवाद के मुद्दों पर सरकार की क्या भूमिका है और क्या वह ऐसे मामलों में सही रवैया अपना रही है.
ये अलग समुदाय है
अनुराग कश्यप ने निराशा व्यक्त करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा था, 'मेरी ज़िंदगी का पहला ड्रामा ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले पर था. अगर इस देश में जातिवाद नहीं होता, तो ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले को उसके खिलाफ लड़ने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती. अब अगर किसी समुदाय को शर्म आ रही है, या वे शर्म के मारे परेशान हो रहे हैं, तो शायद वो कोई अलग ही तरह का समुदाय है जो इस देश में है. हमें वो दिखाई नहीं दे रहा है. असल में बेवकूफ कौन है, कोई तो समझाए?.'