कौन है इल्तिजा मुफ्ती, जो लड़ रही जम्मू कश्मीर का विधानसभा चुनाव?

जम्मू-कश्मीर चुनाव में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की काफी चर्चा हो रही है. इल्तिजा पीडीपी की पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ रही है. इसके पहले यहां से महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ती थी. चुनाव में इल्तिजा के बयानों ने लोगों को ध्यान खींचा. आइए जानते हैं कि कौन है इल्तिजा मुफ्ती और क्यों वो चर्चा का विषय बनी है?;

Iltija Mufti Pic Credit- ANI
by :  प्रिया पांडे
Updated On : 19 Sept 2024 6:38 PM IST

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें पहला चरण 18 सितंबर को समाप्त हुआ. इस चरण में कुल 58.85 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसे शांति और सफलता के साथ संपन्न होना चुनाव आयोग के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है. दूसरा चरण 25 सितंबर को आयोजित होगा, जबकि तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा .इन तीनों चरणों के बाद मतों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी, जिससे अंतिम परिणाम घोषित होंगे.

इस चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के चुनावी डेब्यू की है. इल्तिजा को पार्टी ने बीजबेहरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो मुफ्ती परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है. बीजबेहरा सीट से 1996 में महबूबा मुफ्ती ने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और अब उसी सीट से इल्तिजा अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रही हैं.

कब आई सुर्खियों में?

इल्तिजा मुफ्ती महबूबा मुफ्ती की बड़ी बेटी हैं, और यह उनका पहला चुनाव है. वह दक्षिण कश्मीर के बीजबेहरा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, जिसे मुफ्ती परिवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है. इल्तिजा ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया है और यूनाइटेड किंगडम के वारविक विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री प्राप्त की है.

इल्तिजा पहली बार तब सुर्खियों में आई थीं, जब अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उनकी मां महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था. उस दौरान, इल्तिजा को उनकी मां की मीडिया सलाहकार नियुक्त किया गया था. इसके बाद, अगस्त 2019 में इल्तिजा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे सवाल किया था कि उन्हें उनके श्रीनगर स्थित आवास में क्यों नजरबंद रखा गया था.

बीजबेहरा सीट

इल्तिजा ने अपने पहले चुनाव में एक प्रमुख सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. बीजबेहरा सीट को मुफ्ती परिवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है. महबूबा मुफ्ती ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत इसी सीट से की थी. यह सीट पीडीपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. 1999 से 2018 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान वीरी ने किया था, जिन्हें इस बार अनंतनाग ईस्ट से उम्मीदवार बनाया गया है.

महबूबा मुफ्ती पहले ही ऐलान कर चुकी हैं कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा को "शक्तिहीन" बना दिया गया है, इसलिए चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है. महबूबा का मानना है कि जब तक राज्य को उसका पूर्ण अधिकार वापस नहीं मिलता, तब तक वह चुनाव में भाग नहीं लेंगी.

हंग एसेंबली की संभावना

इल्तिजा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा है कि इस बार के चुनावों में कोई भी पार्टी निर्णायक जनादेश प्राप्त नहीं करेगी. उनका मानना है कि खंडित जनादेश होगा, जिससे हंग विधानसभा बनेगी और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा.

कुल मिलाकर, जम्मू-कश्मीर के आगामी चुनाव न केवल इल्तिजा मुफ्ती के राजनीतिक करियर की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति और भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगे.

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