Sukanya Samriddhi से लेकर Kisan Vikas Patra तक… जानें कौन-सी स्कीम दे रही है सबसे ज्यादा रिटर्न

सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2025 तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इसका मतलब है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1%, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% और सुकन्या समृद्धि योजना व सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 8.2% ब्याज मिलता रहेगा. किसान विकास पत्र (KVP) 115 महीने में दोगुना रिटर्न देता है. ये स्कीमें सुरक्षित निवेश और बेहतर रिटर्न चाहने वालों के लिए अभी भी आकर्षक विकल्प बनी हुई हैं.;

( Image Source:  Sora_ AI )

सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर 2025 तिमाही के लिए सभी स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स यानी पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं की ब्याज दरों को यथावत रखा है. इसका मतलब है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर पहले की तरह ही ब्याज मिलेगा.

गौरतलब है कि इन योजनाओं पर ब्याज दरें कई तिमाहियों से स्थिर हैं. आखिरी बार कुछ बदलाव वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में किए गए थे. वित्त मंत्रालय के अधीन आर्थिक मामलों के विभाग ने 30 सितंबर 2025 को अधिसूचना जारी कर मौजूदा दरों को बरकरार रखने की पुष्टि की.

प्रमुख योजनाओं पर मौजूदा ब्याज दरें

  • PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)- 7.1%
  • NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट)- 7.7%
  • SCSS (सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम)- 8.2%
  • SSY (सुकन्या समृद्धि योजना)- 8.2%
  • किसान विकास पत्र (KVP)- दरों में कोई बदलाव नहीं

ब्याज दर तय करने की प्रक्रिया

पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं की ब्याज दरें श्यामला गोपीनाथ कमेटी के फ्रेमवर्क के आधार पर तय की जाती हैं. इसके अनुसार, इन योजनाओं की रिटर्न दरें केंद्र सरकार की समान अवधि वाली प्रतिभूतियों (G-Secs) के सेकेंडरी मार्केट यील्ड से जुड़ी होती हैं, जिसमें 25 बेसिस प्वाइंट्स का अतिरिक्त मार्जिन जोड़ा जाता है.

सरकार का अंतिम फैसला और बाजार का समीकरण

5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट की ब्याज दरों की गणना 5 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के प्रदर्शन और 25 बेसिस प्वाइंट्स मार्जिन के साथ की जाती है. नियमों के मुताबिक, अगर रेपो रेट और बॉन्ड यील्ड गिरते हैं तो स्मॉल सेविंग्स योजनाओं की दरें भी घटनी चाहिए, लेकिन कई बार सरकार अंतिम फैसले में गणना से अलग रुख भी अपनाती है.

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