Digital Gold खरीदने वाले हो जाएं सावधान! SEBI ने ग्राहकों को दी चेतावनी, कहा- फायदा की जगह हो सकता है नुकसान

SEBI: हाल ही में SEBI ने डिजिटल गोल्ड खरीदने वालों को जल्दबाजी न करने के सलाह दी है. सेबी ने कहा कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड के नाम पर ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं जो किसी भी नियम-कानून के दायरे में नहीं आते. ये ऐप किसी रेगुलेशन में नहीं आते, इसलिए ग्राहक यह भी नहीं जान पाते कि कौन-सा प्लेटफॉर्म भरोसेमंद है और कौन-सा नहीं.;

( Image Source:  sora ai )

SEBI: शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए डिजिटल गोल्ड कमाने का नया जरिया है. यह एक ऑनलाइन निवेश ऑप्शन है जिसमें आप ऐप या वेबसाइट के जरिए सोना खरीद सकते हैं, भारत में इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है. इस बीच SEBI ने डिजिटल गोल्ड खरीदने वालों को जल्दबाजी न करने के सलाह दी है.

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल गोल्ड को युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है. क्योंकि सिर्फ 100 रुपये से सोना खरीदने, उसकी कीमत लाइव ट्रैक करने और बाद में उसे सिक्कों या बार में बदलने की सुविधा मिलती है.

सेबी ने जारी किया अलर्ट

सेबी ने डिजिटल गोल्ड की खरीद में तेजी को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है. हाल ही में सेबी ने कहा कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड के नाम पर ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं जो किसी भी नियम-कानून के दायरे में नहीं आते. ये न तो सिक्योरिटी हैं, न कमोडिटी डेरिवेटिव इसलिए सेबी इन्हें कंट्रोल नहीं करती.

इसका मतलब है कि अगर कोई डिजिटल गोल्ड ऐप अचानक बंद हो जाए या आपका पैसा फंस जाए, तो सेबी आपकी मदद नहीं कर पाएगी. न कोई कानूनी सुरक्षा, न कोई तय नियम है. इसलिए आपको डिजिटल गोल्ड के मामले में सोच-समझकर निवेश करना चाहिए.

Gold ETF से कोई लेना-देना नहीं

डिजिटल गोल्ड ऐप जैसे प्लेटफॉर्मों की तुलना कई बार सेबी-नियंत्रित गोल्ड उत्पाद जैसे Gold ETF या EGRs से की जाती है, लेकिन सेबी ने साफ कहा कि इन दोनों का कोई संबंध नहीं है.

डिजिटल गोल्ड कैसे चलता है?

आप ऐप पर 100 या 500 रुपये का सोना खरीदते हैं. ऐप कहता है कि उतनी ही मात्रा का सोना किसी वॉल्ट में रखा हुआ है और चाहें तो आप बाद में उसे ऑफलाइन सोने में बदल सकते हैं. लेकिन समस्या यह है कि इस पूरे सिस्टम की जांच कौन करता है, सोने की वास्तविक मौजूदगी कौन ऑडिट करता है, या प्लेटफॉर्म के डिफॉल्ट होने पर क्या होगा? इस पर कोई कानून मौजूद नहीं है.

एक्सपर्ट्स का बयान

इस मामले पर सेबी के निवेश एडाइवजर अभिषेक कुमार ने बताया कि यह चेतावनी सही समय पर दी गई है. ये ऐप किसी रेगुलेशन में नहीं आते, इसलिए ग्राहक यह भी नहीं जान पाते कि कौन-सा प्लेटफॉर्म भरोसेमंद है और कौन-सा नहीं. अगर ये सोना डिलिवर न करें या दिवालिया हो जाएं, तो ग्राहक के लिए खतरा है.

वहीं Gold ETF और EGR जैसे उत्पाद पूरी तरह नियमन के तहत आते हैं. Gold ETF में आपके निवेश के बदले असली सोना कस्टोडियन के पास रखा जाता है, नियमित ऑडिट होता है और आप शेयर बाजार की तरह इन्हें कभी भी खरीद-बेच सकते हैं.

कुमार कहना है कि निवेशक सेबी की चेतावनी को हल्के में न लें और यदि उन्होंने डिजिटल गोल्ड में पैसा लगाया है, तो धीरे-धीरे उसे Gold ETF या EGR जैसे सुरक्षित विकल्पों में शिफ्ट करें.

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