Gold Price: अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के बाद लुढ़के सोने के दाम, चांदी भी हुई सस्ती
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई. इसका असर भारत में भी देखा गया, जहां गोल्ड करीब ₹1,700 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,500 प्रति किलो तक सस्ती हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दर घटने से डॉलर मजबूत हुआ है, जिससे निवेशक सेफ हेवन यानी गोल्ड-सिल्वर से दूरी बना रहे हैं. घरेलू बाजार में भी आने वाले दिनों में दाम और नीचे जा सकते हैं.;
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में सोने और चांदी के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. निवेशक अब एक बार फिर सेफ एसेट यानी गोल्ड की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल बाजार में दाम नीचे की ओर फिसले हैं.
दरअसल, फेड ने 29 अक्टूबर को 0.25 फीसदी की दर से ब्याज दरों में कमी की है, जिससे अब प्रमुख ब्याज दर 3.75 से 4 फीसदी के बीच हो गई है. ब्याज दरों के घटने का सीधा असर बॉन्ड मार्केट पर पड़ता है, क्योंकि कम रिटर्न की वजह से निवेशक अब गोल्ड और सिल्वर जैसे सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख करते हैं.
एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों में गुरुवार को करीब ₹1700 प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई. शुरुआती कारोबार में सोने का दिसंबर वायदा भाव 1.25% या ₹1506 घटकर ₹1,19,160 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. वहीं, चांदी की कीमतों में भी नरमी देखने को मिली. सुबह के सत्र में चांदी का वायदा भाव 0.4% गिरकर ₹1,45,498 प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रहा था.
दिल्ली-मुंबई में सोने के ताज़ा भाव
दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹1,22,560 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹1,12,360 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है. वहीं, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में 22 कैरेट सोना ₹1,12,210 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोना ₹1,22,410 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है.
चांदी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव
30 अक्टूबर को घरेलू बाजार में चांदी ₹1,52,100 प्रति किलोग्राम तक चढ़ी थी, जबकि विदेशी बाजारों में इसका हाजिर भाव 2.85% की बढ़त के साथ $48.40 प्रति औंस दर्ज किया गया. हालांकि डॉलर की मजबूती, अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड तनाव में कमी की उम्मीद और फेड के रेट कट के फैसले से कीमती धातुओं में अस्थायी दबाव बना हुआ है.
क्या आगे और सस्ता होगा सोना?
विश्लेषकों का मानना है कि फेड की ब्याज दरों में नरमी लंबी अवधि में सोने के लिए सकारात्मक संकेत है. फिलहाल घरेलू बाजार में शॉर्ट-टर्म गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन जैसे-जैसे वैश्विक अनिश्चितता बढ़ेगी, निवेशक फिर गोल्ड और सिल्वर में वापसी करेंगे.