कौन हैं पाकिस्तानी डिजाइनर दीपक पेरवानी? भारत की तारीफ करने को लेकर हो रहे ट्रोल
सिंधी हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दीपक पेरवानी पाकिस्तान के शीर्ष फैशन डिज़ाइनरों में गिने जाते हैं. उनके नाम दुनिया का सबसे बड़ा कुर्ता बनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. उनका फैशन ब्रांड डीपी दुनियाभर में मशहूर है. फैशन के अलावा, उन्होंने ‘कर्ज-ए-जान’ और ‘यूंही’ जैसे लोकप्रिय टीवी शोज़ में भी एक्टिंग की है.

पाकिस्तान के मशहूर फैशन डिजाइनर और अभिनेता दीपक पेरवानी हाल ही में अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए. एक Interview में उन्होंने कहा कि भारत में रहन-सहन की स्थिति पाकिस्तान से बेहतर है और वहां लोग ज़्यादा खुशहाल नजर आते हैं. उन्होंने India में महिलाओं को मिलने वाली आज़ादी और देश के तकनीकी विकास की भी सराहना की. हालांकि, उनकी इन टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
50 वर्षीय दीपक पेरवानी ने शो ‘हाउते टॉक’ में अपनी हालिया भारत यात्रा के अनुभव शेयर किए. उन्होंने कहा कि भारत में लोगों के चेहरे पर मुस्कान है और महिलाएं सड़कों पर आज़ादी से चलती हैं. उन्होंने भारत के शहरों को पाकिस्तान के 'कंक्रीट के जंगलों' से बेहतर बताते हुए कहा कि भारत के शहरों में फुटपाथ और सुव्यवस्थित बुनियादी ढांचा है. साथ ही उन्होंने डिजिटल भुगतान प्रणाली जैसे UPI का भी उल्लेख किया.
कौन हैं दीपक पेरवानी?
सिंधी हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दीपक पेरवानी पाकिस्तान के शीर्ष फैशन डिज़ाइनरों में गिने जाते हैं. उनके नाम दुनिया का सबसे बड़ा कुर्ता बनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. उनका फैशन ब्रांड डीपी दुनियाभर में मशहूर है. फैशन के अलावा, उन्होंने ‘कर्ज-ए-जान’ और ‘यूंही’ जैसे लोकप्रिय टीवी शोज़ में भी एक्टिंग की है. हालांकि, पेरवानी विवादों से भी अछूते नहीं रहे हैं. 2022 में दिवाली पार्टी के आयोजन के लिए उन्हें कट्टरपंथी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इस बार उनके भारत को लेकर दिए गए बयान ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है.
लोगों ने किया ट्रोल
दीपक पेरवानी की टिप्पणी पर सोशल मीडिया में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. जहां भारतीय दर्शकों ने उनके विचारों की सराहना की, वहीं कई पाकिस्तानी नागरिकों ने उनकी आलोचना की. एक वर्ग ने उन्हें 'भारत जाने' की सलाह दी, जबकि अन्य ने उनकी टिप्पणियों को 'देशद्रोह' करार दिया.
कुछ दर्शकों ने उनके विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान में स्थिति खराब हो गई है और बदलाव की ज़रूरत है. वहीं, कई आलोचकों ने यह दावा किया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाता है.