क्या है हश मनी केस, जिसमें शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप की कानूनी हार: कितने साल की होगी सजा?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गुप्त धन से जुड़े 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस फैसले के बाद यह सवाल उठने लगा था कि क्या राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप जेल की सजा से बच सकते हैं.अब इस मामले में कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है.

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गुप्त धन से जुड़े 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस फैसले के बाद यह सवाल उठने लगा था कि क्या राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप जेल की सजा से बच सकते हैं.अब इस मामले में कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गुप्त धन मामले में उनके पद का कोई विशेष संरक्षण नहीं मिलेगा. इसके साथ ही उनकी मई में सुनाई गई सजा बरकरार रहेगी. इस फैसले ने ट्रंप की कानूनी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है.
जज जुऑन मर्चेन ने फैसला सुनाया कि आधिकारिक कृत्यों के लिए राष्ट्रपतियों को दी जाने वाली पतिरक्ष ट्रंप की सजा में शामिल आचरण तक विस्तारित नहीं होती है जो पूरी तरह से अनौपचारिक आचरण से संबधित है,जिसके लिए कोई प्रतिरक्षा सुरक्षा नहीं है." मर्चेन ने कहा, "अभियोग को खारिज करने और जूरी के फैसले को रद्द करने के लिए प्रतिवादी की याचिका. अस्वीकार की जाती है," जिसका अर्थ है कि ट्रम्प की सजा बरकरार है.
क्या है हश मनी केस?
ए़डल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ डोनाल्ड ट्रंप का संबंध 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में खूब चर्चा में था. वहीं स्टॉर्मी डेनियल्स ट्रंप के साथ अपने रिश्ते को सार्वजनिक करने की धमकी दे रही थीं. इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें गुपचुप तरीके से पैसे दिए. जिसके बाद ट्रंप को डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर के भुगतान को छिपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के आरोप में दोषी ठहराया गया है.
सजा को रद्द करने की अर्जी में ट्रंप के वकीलों ने दलील दी थी कि राष्ट्रपति पद पर रहते हुए इस मामले को लंबित रखने से उनके शासन और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि गुप्त धन मामले में ट्रंप को 26 नवंबर को सजा सुनाई गई थी. हालांकि, 5 नवंबर को हुए चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद जज जुआन मर्चेन ने सजा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था. अब इस मामले में कोर्ट का फैसला ट्रंप की कानूनी चुनौतियों को और बढ़ा सकता है.