क्या है हॉट बेडिंग? हाफ बेड शेयर कर महीने का 42 लाख कमा रही ये महिला, एक दूसरे कर सकते हैं Hug
हॉट बेडिंग, यानी "शेयर्ड बेड की व्यवस्था", एक ऐसा कांसेप्ट है जिसमें दो अनजान व्यक्ति, स्पष्ट सीमाओं और नियमों के साथ, एक ही बिस्तर शेयर करते हैं. अक्सर बिना किसी फिजिकल या इमोशनल रिलेशन के.

कनाडा में जीवन-यापन की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, खासकर वैंकूवर, टोरंटो जैसे बड़े शहरों में यह एक चुनौती बन गई है. इसके चलते न सिर्फ स्थानीय नागरिक, बल्कि वहां बसे भारतीय प्रवासी खासतौर पंजाब और हरियाणा से आने वाले यंग वित्तीय दबाव का गहराई से अनुभव कर रहे हैं.
बढ़ते रेंट रेट, खाने और बेसिक नीड की कीमतों ने कई लोगों को ट्रेडिशनल इनकम के रास्तों से हटकर कुछ नया और असामान्य अपनाने पर मजबूर कर दिया है. ऐसी ही एक कहानी है मोनिक जेरेमिया की, जिसने एक अनोखा और विवादग्रस्त रास्ता चुना उन्होंने बढ़ती महंगाई और वहां रहने खाने की चुनौती से निपटने के लिए अपना हाफ बेड किराए पर देना शुरू किया है. महिला के इस कदम से काफी हद तक सोशल मीडिया के आधे वर्ग को प्रभवित किया है.
जब ज़िंदगी ने मोनिक को दी चुनौती
मोनिक जेरेमिया, एक 37 साल की महिला, जो कनाडा में रहती हैं, कोविड-19 महामारी के दौरान कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रही थी. लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई, इनकम का सोर्स उनके लिए बचा नहीं. सिर्फ इतना ही नहीं उनका एक लॉन्ग टाइम रिलेशनशिप भी उन्हें इस बीच सफर में अकेला छोड़कर निकल गया. अचानक अकेली, बेरोजगार और रूम रेंट चुकाने में असमर्थ मोनिक को एक साहसी फैसला लेना पड़ा. उन्होंने अपने बेडरूम को एक शेयर्ड स्पेस या रेंट में बदलने का फैसला किया. लेकिन यह कोई सामान्य रूममेट की व्यवस्था नहीं थी, बल्कि एक अनोखी और ऑनलाइन तेजी से चर्चा में आई व्यवस्था: हॉट बेडिंग थी.
क्या है हॉट बेडिंग?
हॉट बेडिंग, यानी शेयर्ड बेड की व्यवस्था, एक ऐसा कांसेप्ट है जिसमें दो अनजान व्यक्ति, तय की गई बाउंड्रीज और नियमों के साथ, एक ही बिस्तर शेयर करते हैं. अक्सर बिना किसी फिजिकल या इमोशनल रिलेशन के. जब मोनिक ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से 'हॉट बेडिंग' को एडवर्टाइज करना शुरू किया तो लोग उनसे प्रभावित हुए उन्हें बहुत जल्द जवाब मिलने लगे. हालांकि कुछ लोग मोनिक इस हॉट बेडिंग कदम से खुश नहीं थे और उन्होंने इसे बकवास बताते हुए अस्वीकार कर दिया. वहीं कुछ लोगों ने मोनिक को सपोर्ट किया और बेरोजगारी और अकेलेपन से बचने के लिए इसे आर्थिक समझदारी कहा.
नियम सख्त, लेकिन कमाई भारी
मोनिक ने इस हाफ बेड शेयरिंग सर्विस में स्पष्ट किया कि यह कोई रोमांटिक या फिजिकल रिलेशन जैसा नहीं है, बल्कि सिर्फ एक आर्थिक समझौता है. बिस्तर शेयर करने वालों को डिसिप्लिन और लिमिट्स को फॉलो करना होता है. जैसे कि बिना सहमति के कोई फिजिकल रिलेशन नहीं होगा. उन्होंने नियम बनाए कि कोई भी पार्टनर तब तक गले नहीं लगा सकता जब तक दोनों सहमत न हों, और रात की शांति का पूरा ध्यान रखा जाएगा.परिणाम चौंकाने वाले थे – मोनिक ने दावा किया कि इस यूनिक रणनीति से हर महीने लगभग $50,000 (कनाडाई डॉलर) यानी 42 लाख तक की कमाई हुई, जिसने उनकी फाइनेंसियल सिचुएशन को पूरी तरह बदल दिया.
मिली-जुली राय
मोनिक की कहानी वायरल हुई और लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई थी. कुछ लोगों ने इसे एक स्मार्ट, प्रैक्टिकल सॉल्यूशन कहा, तो अन्य ने प्राइवेसी, इमोशनल इम्पैक्ट और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. खासकर साउथ एशियाई समुदाय के लोगों ने, जो पहले ही कनाडा में मकान और जीवन-यापन की बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं, इस विचार को नई आर्थिक पहल से देखा. लेकिन कई ने इसे अपनी संस्कृति और मूल्यों से असंगत भी पाया.
प्रवासियों के लिए मैसेज
मोनिक की कहानी उस कठिनाई और अनिश्चितता को उजागर करती है, जिसका सामना कई प्रवासी – विशेषकर भारतीय समुदाय के लोग – कनाडा में कर रहे हैं. 'हॉट बेडिंग' जैसा कांसेप्ट भले ही सभी के लिए सही साबित न हो, लेकिन यह बताता है कि वित्तीय दबाव में इंसान कितनी क्रिएटिविटी दिखा सकता है. यह कहानी इस बात की भी याद दिलाती है कि जब परंपरागत रास्ते बंद हो जाएं, तो कुछ लोग नए रास्ते खोजते हैं चाहे वे कितने भी असामान्य क्यों न लगें.