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अमेरिकी ब्रांड 'टॉयलेट' में, ट्रेड वार से ट्रंप ने किया भारत को चीन के भरोसे, खुद के पैर पर मारी कुल्हाड़ी!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड वॉर रणनीति ने अमेरिका को ही मुश्किल में डाल दिया है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने माना कि भारत अब चीन पर ज्यादा निर्भर होता जा रहा है. ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी ब्रांड्स की साख पर असर पड़ा है और कई कंपनियों को नुकसान हो रहा है. जानकारों का मानना है कि यह कदम अमेरिका के लिए "अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने" जैसा है.

अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में, ट्रेड वार से ट्रंप ने किया भारत को चीन के भरोसे, खुद के पैर पर मारी कुल्हाड़ी!
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( Image Source:  @PNRai1-X )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 30 Aug 2025 8:24 AM IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने डोनाल्ड ट्रंप की भारत विरोधी नई व्यापारिक नीति पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप का यह 'बड़ा व्यापारिक हमला' भारत और अमेरिका के बीच सालों से बनाए गए भरोसे को तोड़ सकता है और भारत को चीन की ओर धकेल सकता है.

सुलिवन ने कहा कि अमेरिका की यह रणनीति न सिर्फ भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर कर रही है, बल्कि दुनिया में अमेरिका की साख को भी गिरा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि जहां एक समय अमेरिका को एक स्थिर और भरोसेमंद साथी माना जाता था, वहीं अब सहयोगी देश उसे 'सबसे बड़ा बाधक' मानने लगे हैं.

'अमेरिका अब बड़ा बाधक बन चुका है'-सुलिवन

टिम मिलर के पॉडकास्ट The Bulwark में बातचीत करते हुए सुलिवन ने कहा कि 'जब मैं इन देशों में जाता हूं और नेताओं से बात करता हूं तो वे कहते हैं कि अब अमेरिका ही सबसे बड़ा डिसरप्टर है. चीन ने अमेरिका की लोकप्रियता को पछाड़ दिया है और अमेरिकी ब्रांड दुनिया में गिर चुका है.

भारत पर सबसे बड़ा असर

सुलिवन ने कहा कि ट्रंप की नीतियों से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को हो रहा है, भारत के साथ हम गहरे और स्थायी संबंध बनाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर बड़े पैमाने पर व्यापारिक हमला शुरू कर दिया है. इससे भारतीयों को लग रहा है कि अब हमें बीजिंग जाकर चीन के साथ बैठना चाहिए ताकि अमेरिका के खिलाफ बैलेंस बनाया जा सके.

50% टैरिफ से भारत पर दबाव

अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत के निर्यात पर 50% तक का भारी शुल्क लगा दिया है, जो अब तक किसी भी देश पर लगाया गया सबसे ऊंचा शुल्क है. इसका सीधा असर भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी और मैकेनिकल उपकरण सेक्टर पर पड़ेगा. इससे नौकरियों के नुकसान और आर्थिक मंदी की आशंका जताई जा रही है.

ट्रंप ने इस फैसले को भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने का नतीजा बताया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे व्यक्तिगत नाराजगी भी है. जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप भारत द्वारा कश्मीर मसले पर उनके मध्यस्थता प्रस्ताव को ठुकराए जाने से नाराज थे.

चीन को मिल रहा कूटनीतिक फायदा

सुलिवन के अनुसार, यह स्थिति सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक तौर पर भी खतरनाक है. एक साल पहले चीन रक्षात्मक स्थिति में था. लेकिन अब देश कह रहे हैं कि अमेरिका भरोसेमंद नहीं है और चीन जिम्मेदार खिलाड़ी की तरह सामने आ रहा है.

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