न्यूक्लियर युग में वॉर की कोई गुंजाइश नहीं... मुनीर ने फिर भारत को दी गीदड़भभकी, बोला- सरजमीं का एक इंच भी जाने नहीं देंगे
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक बार फिर भारत को धमकी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'न्यूक्लियर युग में वॉर की कोई गुंजाइश नहीं' और "सरजमीं का एक इंच भी जाने नहीं देंगे'. यह बयान पाकिस्तान की पुरानी आदत का हिस्सा है, जिसमें वह अक्सर गीदड़भभकी और झूठे दावे करता है ताकि अपनी कमजोरी और असुरक्षा को छिपा सके. मुनीर का यह बयान एक बार फिर दिखाता है कि पाकिस्तान कितना खोखला हो चुका है

पाकिस्तान एक बार फिर वही पुराना खेल खेल रहा है, गीदड़भभकी, झूठे दावे और अपने ही बनाए भ्रम में जीना. हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने काकुल स्थित पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में भाषण दिया. मंच पर वर्दी चमक रही थी, शब्दों में ‘जोश’ था, लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और थी. यह भाषण पाकिस्तान की निराशा, असुरक्षा और बौखलाहट का ताजा उदाहरण था.
मुनीर ने अपने भाषण में कहा कि 'न्यूक्लियर युग में वॉर की कोई गुंजाइश नहीं'. साथ ही, गीदड़भभकी देते हुए कहा अगर कोई भी दुश्मन पाकिस्तान की जमीन पर हाथ डालने की कोशिश करेगा, तो उसकी प्रतिक्रिया उम्मीद से कहीं ज्यादा होगी. इतना ही नहीं, दावा किया कि पाकिस्तान ने हालिया संघर्ष में भारत को हराया है.पर सवाल यह है कि जीत हुई कहां? दुनिया भर के रक्षा विश्लेषक जानते हैं कि पाकिस्तान की सेना बीते दो दशक से केवल अंदरूनी आतंकवाद से ही जूझ रही है. उसकी सीमाओं पर बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक जैसी घटनाओं में उसे मुंह की खानी पड़ी है. फिर भी, वह अपने लोगों को यह यकीन दिलाने की कोशिश कर रहा है कि उसने 'संख्यात्मक रूप से बड़े दुश्मन' भारत को मात दी. यानी हकीकत से कोसों दूर एक और झूठ का पुलिंदा.
युद्ध न छेड़ने की धमकी
मुनीर ने भारत को 'युद्ध न छेड़ने' की चेतावनी दी, यह कहते हुए कि 'न्यूक्लियर युग में जंग की कोई जगह नहीं'. असल में यह बयान एक चेतावनी नहीं, बल्कि डर की निशानी है. पाकिस्तान जानता है कि आधुनिक भारत अब न तो 1971 वाला है, न ही सीमाएं पार करने पर चुपचाप सह लेगा. आज का भारत जवाब देता है, सटीक, तेज़ और असरदार तरीके से. पाकिस्तान जितना ‘न्यूक्लियर बटन’ का डर दिखाए, उतना ही साफ़ दिखाई देता है कि उसका भरोसा अपनी अर्थव्यवस्था, कूटनीति या जनता में नहीं, बस हथियारों की धमकी में रह गया है.
फिर बनाया देश की जनता को बेवकूफ
मुनीर ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर विजयी हुआ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमारी प्रशंसा की. मज़ेदार बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अब केवल अस्थिरता, चरमपंथ और गिरती अर्थव्यवस्था के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. जिन देशों से वह समर्थन का दावा करता है, वही देश आज IMF की खिड़की के बाहर उसे शर्तों के साथ कर्ज़ दे रहे हैं. और वही जनता, जिसे मुनीर युवा और एकजुट कह रहे हैं, महंगाई, बेरोजगारी और आतंकवाद से जूझ रही है.
पाकिस्तान की “न्यूक्लियर” ढाल
मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान अपनी भौगोलिक अखंडता की रक्षा करेगा और इंचभर जमीन नहीं देगा. लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान के पास अपनी जमीन के ही हिस्सों पर पूरा नियंत्रण नहीं. बलूचिस्तान में अलगाववादी संघर्ष जारी है, खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादी गुट सक्रिय हैं और सीमाओं पर हर मोर्चे पर थक चुकी सेना मौजूद है. ऐसे में ‘न्यूक्लियर’ शब्द का बार-बार इस्तेमाल एक मानसिक ढाल बन चुका है, ताकि अंदरूनी नाकामी को बाहर के दुश्मन के डर से छिपाया जा सके.