तीन दिन से सुलग रहा पाकिस्तान! पाक सेना की फायरिंग में 8 प्रदर्शनकारियों की मौत, कई घायल- VIDEO
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जनता का गुस्सा काबू से बाहर हो गया है. सरकार के खिलाफ पिछले तीन दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन बुधवार को खून में नहा गया. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की भारी फायरिंग में 8 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जनता का गुस्सा काबू से बाहर हो गया है. सरकार के खिलाफ पिछले तीन दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन बुधवार को खून में नहा गया. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की भारी फायरिंग में 8 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. बताया जा रहा है कि केवल धिरकोट (जिला बाग) में ही चार लोगों ने दम तोड़ा, जबकि दो मुजफ्फराबाद और दो मीरपुर में मारे गए.
यह विरोध 'आवामी एक्शन कमेटी' (AAC) की अगुवाई में चल रहा है, जिसका कहना है कि PoK के लोगों से दशकों से बुनियादी अधिकार छीने जा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का ‘लॉन्ग मार्च’ लगातार मुजफ्फराबाद की ओर बढ़ रहा है, बावजूद इसके कि पाकिस्तानी हुकूमत उन्हें दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है.
72 घंटे से बंद बाजार और ठप जनजीवन
पिछले 72 घंटे से PoK में हालात पूरी तरह ठप हैं. बाजार, दुकानें और ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद पड़ी हैं. सड़कों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है, जो जगह-जगह पत्थरबाजी कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने मार्च को रोकने के लिए पुलों पर बड़े-बड़े कंटेनर रखे थे, जिन्हें गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने नदी में फेंक दिया.
प्रदर्शनकारियों की 38 मांगें, विवादित विधानसभा सीटें निशाने पर
AAC ने अपनी मांगों की लिस्ट जारी की है, जिनकी संख्या 38 बताई जा रही है. इसमें सबसे अहम मांग PoK विधानसभा की 12 आरक्षित सीटों को खत्म करने की है. ये सीटें पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उनकी प्रतिनिधिक व्यवस्था कमजोर होती है.
'70 साल से हक छीना गया है' - AAC लीडर
AAC के नेता शौकत नवाज़ मीर ने कहा, 'हमारा आंदोलन बुनियादी अधिकारों के लिए है, जिन्हें 70 साल से हमसे छीना गया है. या तो हक दीजिए या फिर जनता के गुस्से का सामना कीजिए.' उन्होंने चेतावनी दी कि यह केवल ‘प्लान A’ है. “सरकार को साफ संदेश है कि सब्र का बांध टूट चुका है. हमारे पास बैकअप प्लान और खतरनाक ‘प्लान D’ भी मौजूद है.'
इंटरनेट बंद और सेना का फ्लैग मार्च
इस्लामाबाद ने आंदोलन को दबाने के लिए PoK में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों सैनिक पंजाब प्रांत से भेजे गए हैं और 1,000 अतिरिक्त जवान इस्लामाबाद से भी पहुंच चुके हैं. भारी हथियारों से लैस पैट्रोलिंग टीमें सड़कों पर फ्लैग मार्च कर रही हैं. PoK में यह आंदोलन ऐसे समय में भड़का है जब पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान एयरफोर्स ने खैबर पख्तूनख्वा के एक गांव पर हमला किया था. चीन निर्मित J-17 फाइटर जेट्स से गिराए गए LS-6 लेजर बमों की वजह से 30 नागरिकों की मौत हुई थी. पहले से ही आतंकवाद बढ़ने और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों की वापसी से स्थानीय लोग बेहद नाराज़ थे. इस हालिया नरसंहार ने आग में घी का काम किया है.