क्या है वो 38 मांगें, जिसको लेकर पाक की जनता शहबाज के खिलाफ गोली खाने को भी तैयार? 2 की मौत, 22 घायल- देखें प्रदर्शन के पांच Video
PoK में पाक सरकार के खिलाफ गुस्साए लोग, 38 मांगे लेकर सड़कों पर उतरे; हिंसक प्रदर्शन में 2 लोगों की मौत और 22 घायल हुए. प्रदर्शन के दौरान मिसाइल और बंदूक की आवाजें, इंटरनेट बंद और सुरक्षा बल तैनात. AAC नेता शौकत नवाज मीर ने चेतावनी दी कि अब लोगों की सहनशीलता खत्म हो गई है.

पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में सोमवार को पाक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया, जिसमें दो लोगों की मौत और 22 अन्य घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर विरोध जताया, लेकिन सेना और आईएसआई समर्थित मुस्लिम कांफ्रेंस के हथियारबंद लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की.
प्रदर्शन की वजह से क्षेत्र में अफरातफरी मच गई और ऑनलाइन वीडियो में लोग कारों पर चढ़कर नारे लगा रहे थे, जबकि कई लोग हवा में गोली चला रहे थे. इस हिंसा ने PoK की हाल की सुरक्षा स्थिति और वहां के लोगों की नाराजगी को फिर से उजागर किया.
प्रदर्शन और हिंसा
वीडियो फुटेज में दिखाया गया कि प्रदर्शनकारियों ने झंडे लहराते हुए और नारे लगाते हुए सड़कों पर कब्जा कर लिया. एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों के हाथ में बुलेट के खाली खोखे भी देखे गए. Awami Action Committee (AAC) ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया और बताया कि प्रदर्शन का उद्देश्य 70 वर्षों से लोगों को मना किए गए बुनियादी अधिकारों की मांग करना है. AAC नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, 'हमारी मांगों को पूरा करो या जनता की गुस्से का सामना करो. यह सिर्फ प्लान ए है. हमारे पास बैकअप प्लान और प्लान डी भी है.'
विरोध के 38 मांगें
प्रदर्शनकारियों ने कुल 38 मांगें रखी हैं, जिनमें PoK विधानसभा में पाक में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 सीटों को समाप्त करने की भी मांग शामिल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्रतिनिधि शासन को कमजोर करता है.
PoK में जनता की 38 प्रमुख मांगें
- PoK विधानसभा में 12 सीटों को हटाना जो पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए रिज़र्व हैं.
- पूर्ण मतदान अधिकार सभी निवासियों को देना.
- स्थानीय शासन और प्रतिनिधित्व सुधारना ताकि जनता का सच में प्रतिनिधित्व हो.
- केंद्र और प्रांतीय सरकार में पारदर्शिता लाना.
- PoK में बुनियादी नागरिक अधिकारों की गारंटी.
- कानून व्यवस्था में सुधार और पुलिस जवाबदेही.
- अदालत और न्यायपालिका की स्वतंत्रता.
- सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता.
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार।
- बुनियादी सुविधाओं – पानी, बिजली, सड़क, और परिवहन में सुधार.
- स्मार्ट सिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों की भागीदारी.
- भ्रष्टाचार पर कड़ा कानून और कार्रवाई.
- महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा.
- सामाजिक सुरक्षा और बेरोज़गारी भत्ता.
- PoK में स्वतंत्र मीडिया और अभिव्यक्ति की आज़ादी.
- सैन्य हस्तक्षेप कम करना और नागरिक प्रशासन को मजबूत करना.
- सरकारी बजट में पारदर्शिता.
- प्राकृतिक संसाधनों का स्थानीय लाभ.
- कृषि और सिंचाई क्षेत्र में सुधार.
- स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा और रोजगार सृजन.
- विवादित क्षेत्रों में सेना की निगरानी कम करना.
- आतंकवाद और सुरक्षा के मामलों में न्यायसंगत कार्रवाई.
- अवैध अतिक्रमण और जमीन विवादों का समाधान.
- सार्वजनिक परिवहन में सुधार.
- सड़क दुर्घटनाओं और यातायात सुरक्षा उपाय.
- स्थानीय व्यापारियों को सरकारी ठेके में प्राथमिकता.
- बेरोज़गार युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार योजना.
- PoK में इंटरनेट और संचार पर नियंत्रण कम करना.
- बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता.
- जलवायु और पर्यावरण संरक्षण.
- जल प्रबंधन और नदियों के साझा अधिकार.
- अत्यधिक कर और शुल्कों में कटौती.
- सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल में त्वरित कार्रवाई.
- समान न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा.
- सैन्य और खुफिया एजेंसियों की नागरिक जीवन में सीमित भूमिका.
- शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और पहुंच.
- भ्रष्टाचार मुक्त भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति अधिकार.
- PoK में स्थायी शांति और राजनीतिक स्थिरता.
पाकिस्तानी सरकार की प्रतिक्रिया
इस हिंसक प्रदर्शन के जवाब में पाकिस्तान ने इलाके में भारी हथियारबंद गश्त और झंडा मार्च कराए. पड़ोसी पंजाब प्रांत से सैनिकों को PoK में भेजा गया और इस क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को भी सीमित कर दिया गया. इस महीने की शुरूआत में कच्चे इलाके खैबर पख्तूनख्वा में पाक एयर फोर्स के एयरस्ट्राइक में 30 नागरिकों की मौत के बाद से ही इलाके में तनाव बढ़ा हुआ है.