नेतन्याहू ही नहीं, इन नेताओं के खिलाफ भी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वारंट, लेकिन हुआ क्या?
International Criminal Court ने इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और दो अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इससे पहले भी वह कई नेताओं को अरेस्ट वारंट जारी कर चुका है. आइए जानते हैं कि अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद इन नेताओं का क्या हुआ...

International Criminal Court: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. इसके साथ ही, हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद अल-मसरी के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह वारंट नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जारी किया गया है.
ICC ने नेतन्याहू से पहले भी कई नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका है... हालांकि, इसमें से कुछ ही लोगों की गिरफ्तारी हो पाई है. इसकी वजह यह है कि ICC के पास न पावर है और न ही खुद की सेना... गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद यह ICC के 124 सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि वे उस व्यक्ति को गिरफ्तार करते हैं या नहीं... आइए जानते हैं कि किन नेताओं के खिलाफ वारंट जारी हो चुका है...
मार्च 2012 में ICC जारी किया पहला गिरफ्तारी वारंट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीसी ने पहला गिरफ्तारी वारंट मार्च 2012 में कांगो के नेता थॉमस लुबांगा के खिलाफ जारी किया था. उन्हें युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया. इसके बाद उन्हें जुलाई 2012 में 14 साल की सजा सुनाई गई.
गिरफ्तारी वारंट के बाद गिरफ्तार होने वाले पहले नेता कौन थे?
17 मार्च 2006 को इटुरी में कॉगोंलीज पेट्रियोट्स मिलिशिया संघ के पूर्व नेता थॉमस लुबांगा अदालत द्वारा जारी किए गिरफ्तारी वारंट के तहत गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति बने. उन पर कथित तौर पर 15 साल से कम के बच्चों को सेना में जबरदस्ती भर्ती करने और उनका इस्तेमाल युद्ध करने का आरोप था। लुबांगा को 19 दिसंबर 2015 को कारावास की सजा काटने के लिए डीआरसी की एक जेल सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद 15 मार्च 2020 को लुबांगा को 14 साल की कैद की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया.
मैक्सिम जेफ़्रॉय एली मोकोम गावाका के खिलाफ 10 दिसंबर 2018 को सीलबंद तरीके से गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया गया था. उन पर सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक में कथित तौर पर युद्ध अपराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने का आरोप है. मोकोम को 14 मार्च 2022 को ICC के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा.
सैफ अल-इस्लाम गद्दाफी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट 27 जून 2011 को जारी किया गया था. वह अदालत की हिरासत में नहीं है. इस मामले में 27 जून 2011 को जारी वारंट में मुअम्मर गद्दाफी और अब्दुल्ला अल-सेनुसी के खिलाफ भी आरोप शामिल हैं. अब्दुल्ला अल-सेनुसी के खिलाफ मामला 11 अक्टूबर 2013 को अस्वीकार्य घोषित किया गया था. मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ मामला उनकी मृत्यु के बाद 22 नवंबर 2011 को समाप्त कर दिया गया था.
इसके अलावा, सूड़ान के पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है. अपने गठन के बाद से लेकर अब तक ICC ने 56 गिरफ्तारी वारंट किया है, जिसमें से केवल 21 पर ही अमल किया गया है.