अब ये नामी- गिरामी कंपनी करोड़ों में खरीदेगी आपका मल-मूत्र! वजह जान हो जाएंगे हैरान
टेक्नोलॉजी कंपनियां अक्सर अपने इनोवेशन के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अब एक नामी-जामी कंपनी ने पर्यावरण को बचाने की दिशा में भी एक बड़ा और अनोखा कदम उठाया है. अब वह लोगों का मल खरीदेगी, जिसे ज़मीन के नीचे गहराई में दफन किया जाएगा, ताकि इससे कोई ग्रीनहाउस गैस न निकले.

टेक्नोलॉजी की दुनिया में इनोवेशन तो आम बात है, लेकिन इस बार माइक्रोसॉफ्ट ने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. एक डील के तहत माइक्रोसॉफ्ट ने करीब 4.9 मिलियन मीट्रिक टन जैविक कचरा खरीदने का फैसला किया है. वो भी ऐसा कचरा जिसे हम रोज़मर्रा की जिंदगी में बेकार समझकर फेंक देते हैं.
ह्यूमन वेस्ट, गली-सड़ी खाद, कागज़ के टुकड़े, बचा-खुचा खाना और खेती के बचे अवशेष, यही सब अब इस सौदे का हिस्सा हैं. लेकिन ये कचरा अब किसी डस्टबिन का हिस्सा नहीं बनेगा. चलिए जानते हैं आखिरी कंपनी यह कदम क्यों उठा रही है?
माइक्रोसॉफ्ट का प्लान
माइक्रोसॉफ्ट इस कूड़े को धरती के भीतर गहराई में दफनाएगी, ताकि इससे न तो कार्बन डाइऑक्साइड निकले, न मीथेन और इस तरह ग्लोबल वॉर्मिंग की रफ्तार को धीमा किया जा सके. यह सिर्फ एक टेक कंपनी की प्लानिंग नहीं, बल्कि आने वाले भविष्य की एक झलक है, जहां कचरा भी खजाना बन सकता है और पर्यावरण को बचा सकता है.
Vaulted Deep के साथ साझेदारी
इस काम में माइक्रोसॉफ्ट को Vaulted Deep नाम की एक स्टार्टअप कंपनी का साथ मिला है. यह कंपनी कचरे को काम में लाने के लिए जानी जाती है. इसका मकसद कार्बन-युक्त कचरे को ज़मीन में इतनी गहराई पर दफन करना, जहां से वह वातावरण में गैस न छोड़ सके.
AI चलाना भी पड़ता है भारी!
आप सोच रहे होंगे कि टेक कंपनी को कचरे से क्या मतलब? असल में माइक्रोसॉफ्ट के AI प्रोग्राम जैसे कि Copilot या चैटजीपीटी जैसी सर्विस को चलाने के लिए बहुत ज्यादा एनर्जी और पानी की खपत होती है, जिससे कंपनी का कार्बन फुटप्रिंट (यानी पर्यावरण पर असर) बहुत बढ़ जाता है.
कार्बन को कैसे रोका जाए?
वैज्ञानिकों का कहना है कि जब कचरा खुले में फेंका जाता है या जल स्रोतों में मिलता है, तो वह कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी गैसें छोड़ता है, जो ग्लोबल वॉर्मिंग का कारण बनती हैं. इस कंपनी का उपाय है कि इस कचरे को ज़मीन में इतनी गहराई में भेजना कि गैस बाहर न निकल सके. Vaulted Deep की CEO जूलिया रीचेलस्टीन ने कहा कि ' यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है. अब हम नई जगहों पर निवेश कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास खरीदार माइक्रोसॉफ्ट है.
Microsoft के वादे: 2030 और 2050 के लक्ष्य
माइक्रोसॉफ्ट पहले ही 2020 में ये ऐलान कर चुका है कि 2030 तक वह कार्बन नेगेटिव हो जाएगा. यानी वह वातावरण से ज्यादा कार्बन हटाएगा, जितना वह पैदा करता है. 2050 तक वह अपने शुरू होने के बाद से जितनी भी कार्बन छोड़ी है, उसे पूरी तरह हटा देगा. इसके अलावा, माइक्रोसॉफ्ट अपने सभी ऑफिस और गाड़ियों को इलेक्ट्रिकल बनाएगा. नई टेक्नोलॉजी में निवेश करेगा जो कार्बन कम कर सके. पारदर्शिता बनाए रखेगा और दुनिया भर के ग्राहकों को पर्यावरण के लिए कदम उठाने में सशक्त बनाएगा .