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73 लाशों और 600 मगरमच्छ के साथ ध्यान! क्या है थाई मंदिर में हो रहे कारनामों का सच?

Thai temple: एक बौद्ध मठ से 73 शवों के मिलने से सनसनी फैल गई है. मठ के भीतर इतने बड़े पैमाने पर शवों की मौजूदगी ने सबको हैरान कर दिया है, लेकिन इसके पीछे के सच को जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

73 लाशों और 600 मगरमच्छ के साथ ध्यान! क्या है थाई मंदिर में हो रहे कारनामों का सच?
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Thai temple
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Published on: 7 Dec 2024 7:26 PM

Thai temple: थाई मंदिर में 73 लाशें छिपी होने की खबर से सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य भिक्षु फ्रा अजहन साई फॉन पंडितो ने दावा किया है कि शवों का इस्तेमाल ध्यान के दौरान भिक्षुओं को 'प्रशिक्षण' देने के लिए किया जाता था. इसके अलावा मंदिर परिसर के अंदर एक तालाब में लगभग 600 मगरमच्छ भी पाए गए.

थाई मंदिर एक जंगल में स्थित है और 16,00 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं के लिए जाना जाता है. पुलिस को विशाल मंदिर परिसर के प्रत्येक क्षेत्र में शवों के साथ 4-5 ताबूत मिले, जहां एक खुली हवा में ध्यान केंद्र, भिक्षुओं और विजिटर्स के लिए चार भोजन कक्ष और बांस के ध्यान मंडप हैं.

मंदिर के तालाब में 600 से अधिक मगरमच्छ

मंदिर के कैंपस में एक विशाल तालाब है, जो ऊंची बाड़ों से घिरा हुआ है, जिसमें 600 से अधिक मगरमच्छ हैं, जिन्हें आगंतुक केवल दूर से ही देख सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भिक्षुओं ने दावा किया कि मंदिर परिसर में पाए गए शव उन लोगों के थे जिन्होंने अपनी मृत्यु से पहले मंदिर को अपना शरीर समर्पित कर दिया था, क्योंकि उनमें से अधिकांश शिष्य या उन शिष्यों के परिजन थे.

भिक्षुओं ने दिखाया सबूत

पुलिस को दिए गए अपने सबूत के तौर पर भिक्षुओं ने मृत्यु प्रमाण पत्र और दान समझौते प्रस्तुत किए. हालांकि, पुलिस को 26 नवंबर को फिचित प्रांत के बंग मुन नाक स्थित एक अन्य मंदिर में 32 और शव मिले. बाद में पता चला कि दोनों मंदिर मुख्य भिक्षु से जुड़े थे, जो 'अतीन्द्रिय ज्ञान' और 'अति श्रवण' संबंधी शिक्षाओं के लिए जाने जाते थे.

मृत्यु के भय पर काबू पाने के लिए हो रहा ये ध्यान

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख ने तर्क दिया कि शवों का उपयोग भिक्षुओं को प्रशिक्षित करने के लिए 'मृत्यु जागरूकता' के रूप में किया जाता था. अपना बचाव करते हुए उन्होंने दावा किया कि मृत शरीरों ने भिक्षुओं को मृत्यु के भय पर काबू पाने में मदद की, जिससे उन्हें बेहतर और गहन आध्यात्मिक अभ्यास करने में मदद मिली. थाईलैंड के बौद्ध धर्म के राष्ट्रीय कार्यालय ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है.

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