Gen Z वकीलों में आलसीपन और जीरो टॉलरेशन! देर से आना, बात-बात पर HR के पास जाना...लॉ फर्म के लिए बना सिरदर्दी
Lazy Gen Z lawyers: Gen Z वकीलों का लेट से आना और काम ठीक से न कर पाना लॉ फर्म के लिए एक बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है. हालात ये हैं कि पेशेवर असिस्टेंट वकील जूनियर सहयोगियों को अधिक कुशल बनाने के लिए ट्रेनिंग और पर्सनल कोचिंग दे रहे हैं.

Lazy Gen Z lawyers: Gen Z के वर्कर्स को लेकर हर क्षेत्र से कई बार शिकायत देखने को मिलती है. उनके रवैये को लेकर बॉस भी ऐसे परेशान रहते हैं, मानों वर्कर्स नहीं घर के बच्चे पाल रहे हों. आम क्षेत्र तो रहने दीजिए, कोर्ट और मुकदमे जैसे सेक्टर में भी लॉ फर्म भी इन्हें लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. नौबत तो यहां तक आ रही कि अब उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए अलग से असिस्टेंट हायर किए जा रहे हैं.
दरअसल, लंदन की एक अग्रणी लॉ फर्म गिब्सन डन के अनुसार आलसी जेनरेशन जेड वकीलों को अधिक 'असिस्टेंट' की आवश्यकता है, जो अपने पेशेवर वकील को करीब 2 लाख रुपये का भुगतान करती है. काम से कतराने वाले रवैये के कारण गिब्सन डन को अपने लंदन कार्यालय में एक पेशेवर असिस्टेंट वकील की नियुक्ति के लिए विज्ञापन देने पर मजबूर होना पड़ा, ताकि जेनरेशन जेड कर्मचारियों को लक्षित शिक्षा में मदद मिल सके.
कोविड के बाद से 'Gen Z' वकीलों के साथ परेशानी
लंदन कार्यालय के एक नौकरी विज्ञापन में बताया गया है कि कोविड महामारी के बाद से, 'Gen Z' वकीलों के लिए अधिक 'सहायता' और 'समझाने' की आवश्यकता है. वकीलों ने वेबसाइट पर अपने युवा कर्मचारियों के साथ अपनी शिकायतें दर्ज कराईं. एक वरिष्ठ वकील ने कहा, 'मेरे पास एक बार पहले साल का ट्रेनर था जो यह स्वीकार नहीं कर सका कि उसे गलत उत्तर मिला है' और 'वह इतना दुखी हुआ कि वह HR के पास गया.'
वर्क लाइफ बैलेंस के लिए 'Gen Z' के नखरे
एक वकील ने कहा कि जेनरेशन जेड के वकील जो ज़ूम के आदी हैं, वे क्लाइंट मीटिंग में अपनी बोरियत को बमुश्किल छिपा पाते हैं. इस बीच युवा वकील ही अकेले ऐसे नहीं हैं जो बेहतर कार्य-जीवन संतुलन चाहते हैं.
जनरेशन जेड के कर्मचारी वेतन से अधिक कार्य-जीवन संतुलन और नैतिक विचारों को अधिक महत्व देते हैं. को-ऑपरेटिव्स यूके के सर्वेक्षण के मुताबिक, दस में से 4 युवा ब्रिटिश कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने उन कंपनियों से दूर जाने के बारे में सोचा है, जिन्हें वे 'अनैतिक' मानते हैं.