रूसी हमले से जल उठा कीव, कैबिनेट भवन हुआ तबाह; यूक्रेन ने भी तेल पाइपलाइन पर किया पलटवार | Video
रूस-यूक्रेन युद्ध ने नया मोड़ ले लिया है. कीव में रूसी हमले से कैबिनेट भवन जलकर खाक हो गया और तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है. जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन ने रूस की द्रुजबा तेल पाइपलाइन को निशाना बनाया. इस हमले से यूरोप की ऊर्जा आपूर्ति पर खतरा मंडरा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कड़ी निंदा हो रही है.

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. रविवार को रूसी सेना ने कीव के पेचर्स्की जिले में स्थित यूक्रेन की कैबिनेट बिल्डिंग को निशाना बनाया. इस हमले में भीषण आग लग गई और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक साल का बच्चा, एक युवती और एक वृद्ध महिला शामिल हैं. यह हमला पिछले कई महीनों में सबसे गंभीर माना जा रहा है.
रूसी हमले के तुरंत बाद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की. यूक्रेनी ड्रोन यूनिट ने ब्रायंस्क क्षेत्र में स्थित रूस की द्रुजबा तेल पाइपलाइन को निशाना बनाया. यह पाइपलाइन हंगरी और स्लोवाकिया जैसे देशों तक तेल की आपूर्ति करती है. सैन्य अधिकारियों ने दावा किया कि इस हमले से रूस को व्यापक नुकसान पहुंचा है. यह कदम यूक्रेन की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह लगातार रूसी ऊर्जा ढांचे पर हमले कर रहा है.
नागरिक इलाकों में तबाही और हताहत
कीव के अलावा अन्य शहरों में भी रूस ने मिसाइल और ड्रोन हमले किए. राजधानी के स्वियातोशिन्स्की और डार्नित्स्की क्षेत्रों में आवासीय इमारतें प्रभावित हुईं, जहां मलबे के गिरने से आग लग गई और कई फ्लैट ढह गए. इनमें घायल लोगों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है. आपातकालीन सेवाओं ने पूरी रात आग पर काबू पाने की कोशिश की.
यूक्रेनी ने की रूस को बैन करने की मांग
प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीदेंको ने हमले को "गंभीर उकसावे" की संज्ञा दी और पश्चिमी देशों से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की. वहीं, कीव के मेयर विटाली क्लिचको ने बताया कि हमले की शुरुआत ड्रोन से हुई, जिसके बाद मिसाइलें दागी गईं. विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने इसे सीधा "कैबिनेट दफ़्तरों पर हमला" बताते हुए पश्चिमी सहयोगियों से मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराने की अपील की.
रूस ने क्या किया दावा?
रूस की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन रूसी मीडिया ने दावा किया कि उसकी एयर डिफेंस ने 69 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए. पोलैंड ने बताया कि उसने और नाटो सहयोगियों ने अपने लड़ाकू विमानों को हवा में भेजा ताकि रातभर चले इस हमले के दौरान हवाई सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. हालांकि दोनों ही देश नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने से इनकार करते हैं.
युद्ध की बदलती तस्वीर
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब केवल मोर्चों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ऊर्जा ढांचे और सरकारी संस्थानों तक पहुँच चुका है. कीव में पहली बार सरकार की इमारत पर सीधा हमला हुआ है, जिससे यूक्रेन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. दूसरी ओर, यूक्रेन द्वारा रूस की तेल पाइपलाइन पर किया गया हमला ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल सकता है, जिसका असर यूरोप पर भी देखने को मिल सकता है.