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झूठ पर झूठ! खालिस्तानियों का वोट पाने के चक्कर में कब-कब बेनकाब हुए ट्रूडो, खोखले दावों की खुली पोल

कनाडा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत को कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया है। ट्रूडो ने ये बयान उस समय दिया जब भारत कनाडा के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। इसी वजह से उनकी लोकप्रियता घटती जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले चुनाव में लिबरल पार्टी की जगह कंजर्वेटिव पार्टी को जीत मिल सकती है।

झूठ पर झूठ! खालिस्तानियों का वोट पाने के चक्कर में कब-कब बेनकाब हुए ट्रूडो, खोखले दावों की खुली पोल
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 17 Oct 2024 1:15 PM

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आख़िरकार यूटर्न लेते हुए माना कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत को कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया है। ट्रूडो ने ये बयान उस समय दिया जब भारत कनाडा के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। इसी वजह से उनकी लोकप्रियता घटती जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले चुनाव में लिबरल पार्टी की जगह कंजर्वेटिव पार्टी को जीत मिल सकती है।

इसके साथ ही ट्रूडो अपने देश में ही राजनैतिक विषमताओं का सामना कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी को लोगों का ज्यादा समर्थन मिल रहा है। साथ ही ट्रूडो सरकार घरेलु मुद्दे जैसे महंगाई (इन्फ्लेशन), सत्ता (इनकम्बेंसी), अप्रवास (इमीग्रेशन) और पहचान (आइडेंटिटी) पर लगातार घिर रही है। ट्रूडो समय समय पर भारत के खिलाफ झूठ बोलते रहे हैं। आइये आपको बताते हैं कि कौन कौन से झूठ उन्होंने बोले हैं।

निज्जर की हत्या में भारत का हाथ!

18 जून 2023 को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था। इसकी वजह से निज्जर पर भारत ने 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। बताया जाता है कि उसके ISI से अच्छे संबंध थे। इस मामले को कनाडा की ट्रूडो सरकार ने काफी भुनाया। ट्रूडो ने आरोप लगाया कि इस हत्या की साजिश में भारत का हाथ है। हालांकि सबूत मांगने पर वह कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया। इसके बाद दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और रिश्ते बिगड़ गए ।

उल्टा पड़ा दांव

इसी बीच कनाडा ने फिर से निज्जर की हत्या मामले में भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा के शामिल होने का आरोप लगाया। इस आदेश के बाद दोनों देश के रिश्ते तल्ख़ हो गए और भारत ने उच्चायुक्त और राजनयिकों को वापस बुला लिया। साथ ही कनाडा के राजनयिकों को भारत छोड़ने की सलाह दी। जब रिश्ते ख़राब हो गए तो ट्रूडो बैकफुट पर आ गए, उनका चला दांव उनपर ही उल्टा पड़ गया। अब यूटर्न लेते हुए ट्रूडो ने कहा कि निज्जर हत्या मामले में भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।

2018 में भारत दौरे पर किया था कांड

जस्टिन ट्रूडो ने 2018 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल को डिनर के लिए इनवाइट किया था। जब भारत ने इस बात को लेकर फटकार लगाई तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि मुझे इस बारे में पता नहीं था। हालांकि भारत ने ट्रूडो की मंशा को भांप लिया था कि आखिर वह मैसेज क्या देना चाह रहे हैं। उन्हें बस 2019 के चुनाव में खालिस्तानी समर्थकों का वोट बैंक चाहिए था। बता दें, जसपाल अटवाल पंजाब के एक मंत्री की हत्या के लिए दोषी था।

इमीग्रेशन मुद्दे पर भी यूटर्न

अमेरिका की तरह कनाडा में भी इमीग्रेशन बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है। लिबरल पार्टी की ताकत थी कि वह अप्रवासियों को शरण और नागरिकता देता था। लेकिन अब ट्रूडो सरकार इस मुद्दे पर भी घिरने लगी है। अब उन्हें आप्रवासियों की संख्या कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ट्रूडो सरकार ने स्टूडेंट वीजा में कटौती करना शुरू कर दिया है। ट्रूडो सरकार पहले गलत नीतियां बनाती है और बाद में विरोध और समस्याओं से घिरने के बाद फैसलों से यूटर्न लेना पड़ता है।

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