इजरायल के PM नेतन्याहू पर फिर हमला, रक्षा मंत्री बोले- सब्र का बांध टूट चुका
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर हुए फ्लैश बम हमले ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है. यह घटना उत्तरी इजराइल के कैसरिया शहर में हुई, जहां नेतन्याहू के निवास की ओर दो फ्लैश बम दागे गए.

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर हुए फ्लैश बम हमले ने सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है. यह घटना उत्तरी इजराइल के कैसरिया शहर में हुई, जहां नेतन्याहू के निवास की ओर दो फ्लैश बम दागे गए. हालांकि, इस हमले में न तो प्रधानमंत्री और न ही उनका परिवार किसी तरह के नुकसान से बचा, क्योंकि वे उस समय घर में मौजूद नहीं थे.
इस घटना के बाद इजरायली पुलिस और खुफिया एजेंसी शिन बेट इसकी जांच कर रही हैं, और यह भी बताया जा रहा है कि हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. फ्लैश बम गिरने के बावजूद यह हमला एक गंभीर संकेत हो सकता है कि इजराइल के भीतर और बाहर कई समूह नेतन्याहू के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि घटना के समय प्रधानमंत्री और उनका परिवार घर में नहीं था. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. यह एक गंभीर मामला है. इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने इस घटना की निंदा की और सार्वजनिक क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि के खिलाफ चेतावनी दी. राष्ट्रपति ने कहा कि इस मामले में तत्काल जांच की आवश्यकता है. जितनी जल्दी हो सके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
23 सितंबर से इजरायल ने लेबनान और सीरिया में हिजबुल्लाह के ठिकानों के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है. इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी बढ़ा दी है, जिससे कई प्रमुख ठिकानों को तबाह कर दिया गया है. इजराइल की यह कार्रवाई हिजबुल्लाह के खिलाफ चल रही सैन्य रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लेबनान और सीरिया में स्थित इस समूह के रणनीतिक ठिकानों को नष्ट करना है.
इसके अलावा, इजरायली सेना सीरिया के साथ सीमा पर भी हमले कर रही है, जहां उन्होंने पुलों और सड़कों को तबाह कर दिया है. इस तरह की कार्रवाइयां न केवल हिजबुल्लाह की आपूर्ति और मूवमेंट को रोकने के लिए हैं, बल्कि ये सैन्य दबाव बनाने का एक तरीका भी हैं, जिससे क्षेत्रीय संतुलन पर असर पड़ सकता है.