कितना ताकतवर है इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, गिरफ्तारी वारंट के बाद नेतन्याहू का क्या होगा?
International Criminal Court: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. इस अरेस्ट वारंट के बाद अब नेतन्याहू का क्या होगा, आइए जानते हैं...

International Criminal Court: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने 21 नवंबर को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत तीन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. यह वारंट युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर जारी किया गया है. नेतन्याहू के अलावा जिन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, उनमें पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास नेता इब्राहिम अल-मसरी शामिल हैं.
आइए जानते हैं कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) का गठन कब हुआ और यह कैसे काम करता है... साथ ही, यह भी जानेंगे कि इसका हेडक्वार्टर कहां पर है...
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय कहां स्थित है?
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय नीदरलैंड में स्थित है. इसका हेडक्वार्टर नीदरलैंड की राजधानी 'द हेग' में हैं.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का काम क्या है?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट विश्व के लिए सबसे चिंताजनक और गंभीर अपराधों के आरोपी व्यक्तियों की जांच करता है... और जहां जरूरी होता है, उन पर मुकदमा भी चलाता है। इन अपराधों में नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध अपराध शामिल हैं.
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में कितने कर्मचारी हैं?
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में 900 से अधिक कर्मचारी हैं. ये करीब 100 देशों से हैं.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की शक्तियां
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट किसी मामले की सुनवाई तभी कर सकती है यदि वह देश, जहां अपराध किया गया है, रोम संविधि का पक्षकार है या अपराधी का मूल देश रोम संविधि का पक्षकार है. आईसीसी अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग तभी कर सकती है, जब राष्ट्रीय न्यायाल ऐसा करने में असमर्थ हो या ऐसा करने को तैयार न हो. आईसीसी के पास केवल 1 जुलाई 2002 को कानून के लागू होने के बाद किए गए अपराधों पर सुनवाई करने का अधिकार है.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की भाषा क्या है?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की 6 आधिकारिक भाषाएं हैं. इनमें अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी, चीनी, रूसी और स्पेनिश शामिल हैं. इसके साथ ही, दो कार्यशील भाषाएं हैं. ये अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का बजट कितना है?
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का बजट 18 करोड़ 70 लाख 84 हजार 300 यूरो है. भारतीय रुपये में यह राशि 16 अरब 63 करोड़ 47 लाख 87 हजार 618 रुपये है.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सामने अब तक कितने मामले आ चुके हैं?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सामने अब तक 32 मामले आ चुके हैं, जिनमें से कुछ मामलों में एक से अधिक संदिग्ध हैं. जजों ने 56 गिरफ़्तारी वारंट जारी किए हैं, 21 लोगों को आईसीसी हिरासत केंद्र में हिरासत में लिया गया है. वे अदालत के सामने पेश भी हुए हैं. 27 लोग अभी भी फरार हैं, जबकि 7 लोगों की मौत के कारण उनके खिलाफ आरोप हटा दिए गए हैं.
आईसीसी जजों ने अपराधियों को कोर्ट में सामने होने के लिए 9 समन जारी किए हैं. न्यायाधीशों ने 11 लोगों को दोषसिद्धि और 4 को बरी करने का आदेश दिया है.
गिरफ्तारी वारंट क्यों जारी किया जाता है?
अभियोक्ता का कार्यालय आरोपियों के खिलाफ जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर आईसीसी के न्यायाधीशों से गिरफ्तारी वारंट या उपस्थित होने के लिए समन जारी करने का अनुरोध करता है. जब जजों को लगता है कि आरोपी ने अपराध किया है तो वह उस व्यक्ति की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए अरेस्ट वारंट जारी करती है, ताकि वह जांच या न्यायालय की कार्यवाही में बाधा न डाले.
आजीवन वैध रहता है अरेस्ट वारंट
अरेस्ट वारंट आजीवन वैध रहता है, जब तक कि अपराध करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी न हो जाए. एक बार गिरफ्तार होने के बाद संदिग्धों को न्यायालय के हिरासत केंद्र में हिरासत में रखा जाता है.
ICC जब किसी व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करता है तो अभियोक्ता कार्यालय को सबसे पहले प्री-ट्रायल चरण में जजों को यह विश्वास दिलाना होता है कि उसके पास मामले को सुनवाई के लिए सौंपने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. इस चरण में जजों को यह तय करना होता है कि अभियुक्त के खिलाफ अभियोक्ता कार्यालय द्वारा प्रस्तुत आरोपों की पुष्टि करनी है, नहीं करनी है या समीक्षा करनी है.
अगर जज आरोपों की पुष्टि कर देते हैं तो मामला ट्रायल में चला जाता है. यहां पर अभियोक्ता कार्यालय सबसे पहले अपना मामला पेश करता है और यह साबित करने की कोशिश करता है कि आरोपी व्यक्ति दोषी है.वह गवाहों को पेश करता है, जिससे बचाव पक्ष द्वारा भी पूछताछ की जाती है. जब अभियोक्ता कार्यालय अपने सभी गवाह और साक्ष्य पेश कर देता है तो आरोपी व्यक्ति की बारी आती है. वह अपने वकील की सहायता से अपना बचाव करता है.
नेतन्याहू का अब क्या होगा?
नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का मतलब है कि अगर नेतन्याहू आईसीसी के सदस्य देशों की यात्रा करते हैं तो वहां उन्हें वहां गिरफ्तार किया जा सकेगा. इस समय ऐसे देशों की संख्या 124 है. नेतन्याहू से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी अरेस्ट वारंट जारी किया जा चुका है.