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अमेरिका में एंट्री चाहिए तो बताना होगा अपना DNA, सोशल मीडिया हिस्‍ट्री और ई-मेल तो चाहिए ही चाहिए... जानें क्या है वीज़ा वेवर प्रोग्राम

अमेरिका में कदम रखना अब पहले जैसा आसान नहीं रह गया है. अगर आप वीज़ा वेवर प्रोग्राम के तहत बिना वीज़ा अमेरिका की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो तैयार रहिए क्योंकि अब सिर्फ पासपोर्ट और टिकट से काम नहीं चलेगा. नई प्रस्तावित शर्तों के मुताबिक यात्रियों को अपना DNA, सोशल मीडिया इतिहास, ईमेल रेकॉर्ड, और परिवार की पूरी जानकारी तक अमेरिकी एजेंसियों को सौंपनी होगी. यह बदलाव इतना बड़ा है कि इसे लेकर दुनिया के कई देशों में चर्चा शुरू हो गई है.

अमेरिका में एंट्री चाहिए तो बताना होगा अपना DNA, सोशल मीडिया हिस्‍ट्री और ई-मेल तो चाहिए ही चाहिए... जानें क्या है वीज़ा वेवर प्रोग्राम
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( Image Source:  META AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 12 Dec 2025 12:10 PM IST

ज़रा सोचिए आप अमेरिका घूमने का प्लान बना रहे हैं. फ्लाइट टिकट बुक, होटल रिज़र्व, और मन में सिर्फ़ रोमांच! लेकिन जैसे ही आप ESTA फॉर्म भरने बैठते हैं, स्क्रीन पर नई मांगें दिखने लगती हैं. आपका सोशल मीडिया हिस्ट्री, आपके पुराने ईमेल, परिवार वालों की डिटेल, और यहां तक कि चेहरे और DNA जैसे बायोमेट्रिक डेटा भी! यह सुनकर किसी भी यात्री के मन में सवाल उठना लाज़मी है कि आख़िर यह बदलाव क्यों और किसके लिए?

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दरअसल, अमेरिका के कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने हाल ही में एक नया प्रस्ताव जारी किया है, जिसमें वीज़ा वेवर प्रोग्राम (VWP) के तहत आने वाले देशों के यात्रियों के लिए बेहद पर्सनल डेटा देना जरूरी करने की बात की गई है. अभी यह सिर्फ़ एक प्रस्ताव है, लेकिन इसका असर लगभग 40 से ज़्यादा देशों के लाखों यात्रियों पर पड़ सकता है.

नई यात्रा शर्तें: अब क्या-क्या देना पड़ेगा?

CBP के प्रस्ताव में जिन जानकारियों की मांग की गई है, वे पहले से कहीं अधिक डिटेल्ड हैं. इन्हें एक कहानी की तरह समझिए

1. सोशल मीडिया हिस्ट्री

  • पिछले पांच साल का सोशल मीडिया इतिहास
  • पिछले पांच साल में इस्तेमाल किए गए सभी फ़ोन नंबर
  • पिछले दस साल में उपयोग किए गए ईमेल पते
  • आपकी अपलोड की गई तस्वीरों से निकला IP एड्रेस और मेटाडेटा
  • यह ऐसा है जैसे अमेरिका में दाख़िल होने से पहले आप अपनी डिजिटल डायरी खोलकर सामने रख दें.

2. परिवार से जुड़ी हर जरूरी डिटेल

  • माता-पिता, जीवनसाथी, भाई-बहन और बच्चों के नाम
  • परिवार के सदस्यों के फोन नंबर (पिछले 5 साल)
  • उनकी जन्मतिथि और जन्मस्थान
  • वे कहां-कहां रहे, इनकी लिस्ट
  • यानी सिर्फ़ यात्री ही नहीं, उसके परिवार की भी डिजिटल और पर्सनल प्रोफ़ाइल सिस्टम में दर्ज हो जाएगी.

बायोमेट्रिक डेटा की नई मांग

  • चेहरा
  • फिंगरप्रिंट
  • DNA
  • आईरिस स्कैन
  • सुरक्षा के नाम पर यह सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है. यानी अमेरिका में एंट्री अब एक हाई-टेक वेरिफिकेशन प्रोसेस की तरह हो सकती है.

बिज़नेस कम्युनिकेशन की भी जांच

  • बिजनेस फोन नंबर (पिछले 5 साल)
  • ऑफिशियल ईमेल एड्रेस (पिछले 10 साल)
  • यानी आपकी प्रोफेशनल पहचान भी जांच के दायरे में आएगी.

कौन-कौन शामिल हैं इस वीजा वेवर प्रोग्राम में?

वीज़ा वेवर प्रोग्राम कुछ देशों के नागरिकों को 90 दिनों के लिए बिना वीज़ा के अमेरिका आने की सुविधा देता है. इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, इटली, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, ताइवान, इज़रायल, सिंगापुर, चिली, कतर, पोलैंड, पुर्तगाल आदि कुल मिलाकर 40+ देश इस व्यवस्था का हिस्सा हैं.

यह नियम कब लागू होंगे?

हालांकि, अभी घबराने की जरूरत नहीं है. यह अंतिम नियम नहीं है. यह सिर्फ़ एक प्रस्ताव है. पब्लिक को अपनी राय देने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है. CBP का कहना है कि 'फिलहाल कुछ भी नहीं बदला है. यह सिर्फ़ एक विचार-विमर्श की शुरुआत है. सुरक्षा के नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं, खासकर वॉशिंगटन डीसी में हालिया अटैक के बाद.'

क्यों हो रहा है ऐसा?

कहा जा रहा है कि यह कदम सुरक्षा चिंताओं के चलते उठाया गया है. ट्रंप प्रशासन पहले भी सख़्त इमिग्रेशन नीतियों के लिए जाना जाता रहा है. नॉन-वीडब्लूपी देशों के यात्रियों से अमेरिका पहले ही सोशल मीडिया जानकारी लेता था. यह नीति बाइडेन सरकार के दौरान भी जारी रही. नया प्रस्ताव उसी दिशा में एक और बड़ा कदम है.

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