ड्रैगन को अगर उकसाया तो... व्यापार युद्ध के बीच अमेरिका पर भड़का चीन! कहा- US को अपनी गलती सुधारनी चाहिए
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ और सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट रोकने के फैसले के बाद चीन ने तीखी चेतावनी दी है. कोलकाता में चीनी कॉन्सुल जनरल शू वेई ने कहा-“चीन संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन अगर उकसाया गया तो पीछे नहीं हटेगा.”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने और अमेरिकी सॉफ्टवेयर पर सख्त एक्सपोर्ट नियंत्रण की घोषणा के बाद चीन ने कड़ा रुख अपनाया है. भारत में तैनात एक शीर्ष चीनी राजनयिक ने वॉशिंगटन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने अपनी 'गलतियां नहीं सुधारीं', तो बीजिंग को 'उचित जवाब' देने पर मजबूर होना पड़ेगा.
चीनी कॉन्सुल जनरल शू वेई (Xu Wei) ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि चीन संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो वह पीछे नहीं हटेगा. इस बयान ने अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में नया तनाव जोड़ दिया है.
ट्रंप का बड़ा फैसला- चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लागू
पिछले सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि अगर चीन ने सहयोगी रवैया नहीं अपनाया, तो अमेरिका 1 नवंबर से चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा. इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन 155 प्रतिशत तक का शुल्क लगा चुका है. यह कदम ट्रंप की 'सेकेंडरी टैरिफ स्ट्रेटेजी' का हिस्सा है, जिसके तहत वे रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने वाले देशों पर आर्थिक दबाव बढ़ा रहे हैं.
'अगर धकेला गया, तो जवाब ज़रूर देंगे'- शू वेई
कार्यक्रम में जब उनसे अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध पर सवाल पूछा गया, तो शू वेई ने सख्त लहजे में कहा- चीन की स्थिति साफ है. हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन अगर हमें धकेला गया तो हम जवाब ज़रूर देंगे. हम लड़ेंगे, लेकिन हमारे दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं. हम अमेरिका से अपनी गलती सुधारने की अपील करते हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो चीन अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.”
भारत और चीन के आर्थिक रिश्तों पर भी बोले चीनी अधिकारी
शू वेई ने कहा कि मौजूदा जियोपॉलिटिकल माहौल में भारत और चीन दोनों को मिलकर आर्थिक रणनीति बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सहयोग से सबको लाभ होता है, टकराव से सबको नुकसान. भारत और चीन जैसे दो उभरते आर्थिक शक्तियों को मिलकर आगे बढ़ना चाहिए.” उन्होंने बताया कि जनवरी से सितंबर 2025 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 115 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी मजबूत वृद्धि है. शू वेई ने यह भी घोषणा की कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें 26 अक्टूबर से फिर शुरू होंगी.
वीजा और व्यापारिक रिश्तों में नई रफ्तार
चीनी कॉन्सुलेट के अनुसार, इस साल अब तक 2.8 लाख से अधिक वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए जा चुके हैं और वर्ष के अंत तक यह संख्या 3 लाख के पार पहुंचने की उम्मीद है. कोलकाता में आयोजित इस कार्यक्रम में कई व्यापार मंडलों और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे. इस मौके पर चीन ने भारत के साथ “मजबूत आर्थिक साझेदारी” को आगे बढ़ाने की इच्छा दोहराई.
अमेरिका को झटका- चीन ने बंद किया सोयाबीन आयात
ट्रंप के टैरिफ वार के जवाब में चीन ने सितंबर महीने में अमेरिका से एक भी सोयाबीन आयात नहीं किया, जो नवंबर 2018 के बाद पहली बार हुआ है. इसके बजाय बीजिंग ने दक्षिण अमेरिकी देशों से सोयाबीन आयात में भारी वृद्धि की. चीन के कस्टम विभाग के मुताबिक, सितंबर 2024 में अमेरिका से आयात 1.7 मिलियन टन था, जबकि इस वर्ष यह शून्य रहा. आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर व्यापारिक वार्ताएं विफल रहीं, तो अमेरिकी किसान अरबों डॉलर का नुकसान झेल सकते हैं, जबकि चीन को अगले साल नई फसल से पहले आपूर्ति संकट का सामना करना पड़ सकता है.
ट्रंप का आरोप- 'बीजिंग दुनिया को बंधक बना रहा है'
ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन ने हाल में रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर एक्सपोर्ट कंट्रोल बढ़ा दिए हैं, जिससे वैश्विक टेक उद्योग प्रभावित हो सकता है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बना रहा है” और यह भी कहा कि वे अब शी जिनपिंग से मिलने की योजना पर पुनर्विचार कर रहे हैं. हालांकि बीजिंग ने ट्रंप और शी की मुलाकात की किसी भी आधिकारिक पुष्टि से इनकार किया है.