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ईरान-इजरायल संघर्ष का कूटनीतिक समाधान संभव, लेबनान की राजनीति में हिजबुल्लाह की भूमिका है अहम

ईरान की ये गलती मिडिल ईस्ट और एशियाई देशों के लिए बहुत ही भारी पड़ने वाली है। ईरान ने इजराइल के खिलाफ अपने मिसाइल हमले पर जी-7 के बयान को 'पक्षपातपूर्ण' बताकर खारिज कर दिया है। अब जी-7 देश साफ़ तौर पर ईरान के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। साथ ही इजरायल को भी सीमा में रहने की हिदायत दे दी है।

ईरान-इजरायल संघर्ष का कूटनीतिक समाधान संभव, लेबनान की राजनीति में हिजबुल्लाह की भूमिका है अहम
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नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Updated on: 3 Oct 2024 8:42 PM IST

कहा जाता है कि गुस्से में कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए। गुस्सा इंसान को खा जाता है। यही गलती ईरान ने कर दी। हिजबुल्लाह के नेता नसरल्ला की मौत के बाद ईरान ने अपना आपा खो दिया और इजरायल पर 181 मिसाइलों से हमला कर दिया। ईरान की ये गलती मिडिल ईस्ट और एशियाई देशों के लिए बहुत ही भारी पड़ने वाली है। ईरान ने इजराइल के खिलाफ अपने मिसाइल हमले पर जी-7 के बयान को 'पक्षपातपूर्ण' बताकर खारिज कर दिया है। अब जी-7 देश साफ़ तौर पर ईरान के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। साथ ही इजरायल को भी सीमा में रहने की हिदायत दे दी है।

इस हमले के बाद रूस, नॉर्थ कोरिया और चीन समेत कई देश ईरान का साथ दे रहे हैं। वहीं, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी इजरायल का साथ दे रहे हैं। लेकिन भारत जैसे कई और देश हैं जिनके लिए यह कूटनीतिक चुनौती है। उन्हें ईरान से तेल भी लेना है और इजरायल और अमेरिका से रिश्ते भी ख़राब नहीं करने हैं।

ये तो हुई ईरान और इजरायल की बात, अब लेबनान की स्थिति को भी जानते हैं। ईरान के हमले के बाद इजरायल लगातार लेबनान की तरफ बढ़ते जा रहा है। अब हिजबुल्लाह के सैनिक और इजरायली सैनिक दक्षिणी लेबनान की सीमा पर भिड़ गए हैं। आईडीएफ ने बयान जारी करते हुए बताया कि हमने लेबनान में एक नगर पालिका भवन पर हमला किया, इस हमले में हिजबुल्लाह के 15 सदस्यों की मौत हो गई है।

साथ ही इजरायल के हमले में बेरुत शहर को काफी नुकसान पहुंचा है जहां हिजबुल्लाह का गढ़ है। हमले कैसे भी हो आम जनता पिसती ही है। लेबनान में घायलों को निकालने के दौरान इजरायली हमले में चार पैरामेडिक्स और एक लेबनानी सैनिक की मौत हो गई। साथ ही एक अमेरिकी नागरिक की भी मौत हो गई। तनाव तो काफी बढ़ चुका है। अब इज़राइल ने बढ़ते तनाव को देखते हुए लेबनान के 25 दक्षिणी गांवों को खाली करने का आदेश दिया है।

जी-7 की क्या है भूमिका?

जब बात युद्ध की हो रही है तो दुनिया के सात बड़े देशों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इजरायल पर मिसाइल अटैक बाद जी-7 देशों ने तनाव कम करने के लिए बैठक बुलाई। सभी देशों ने इस हमले की निंदा की। जी-7 में शामिल नेता ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में हैं। लेकिन अमेरिका ने एक बात और कही है कि अगर इजरायल ने ईरान पर परमाणु हमला किया तो अमेरिका इसमें उसका साथ नहीं देगा। साथ ही सभी सात देशों ने इजरायल के लिए एक सीमा रेखा खींच दी है जो इजरायल को मानना ही पड़ेगा। साथ ही जी-7 देशों ने कहा कि इस जंग का कूटनीतिक समाधान ही संभव हो सकता है। अपनी बुराई सुनकर ईरान भी झुकने वाला नहीं था, उसने हमले की आलोचना को लेकर ईरान ने जर्मन और ऑस्ट्रियाई राजदूतों को तलब किया। साथ ही जी-7 के बयान को 'पक्षपातपूर्ण' बताकर खारिज कर दिया।

मारे गए हमास के टॉप लीडर

लोग लेबनान को लेकर दुखी हो ही रहे थे कि इजरायल ने एक और धमाका कर दिया। इजरायल ने गाजा में मारे गए हमास के तीन वरिष्ठ नेताओं के नामों की घोषणा कर दी। मरने वालों में गाजा पट्टी में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के राजनीतिक ब्यूरो और सुरक्षा विभाग संभालने वाले समेह अल-सिराज और हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के कमांडर सामी औदेह का नाम शामिल है।

हिजबुल्लाह का लेबनान पर क्या है प्रभाव?

चलिए अब इन बातों के साथ ये जानते हैं कि आखिर लेबनान में हिजबुल्लाह का क्या प्रभाव है। हिजबुल्लाह 1992 से ही लेबनानी सरकार का हिस्सा रहा है। हिजबुल्लाह लेबनान में मौजूद एक शिया मुस्लिम सशस्त्र समूह के साथ संसद में एक राजनीतिक दल है। सबसे नजदीकी चुनाव 2022 में हुआ था जिसमें पार्टी और उसके सहयोगियों ने अपना बहुमत खो दिया था। हिजबुल्ला ने लेबनान की 128 सदस्यीय संसद में 13 सीटें जीती थी।

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