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US छोड़ रहे नोबल पुरस्कार विजेता Abhijit Banerjee और Esther Duflo, कहीं ट्रंप की नीति तो नहीं वजह?

Abhijit Banerjee: नोबेल पुरस्कार विजेता एस्टर डुफ्लो और अभिजीत बनर्जी अगली वर्ष स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगे. यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा कि अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो फिलहाल MIT में काम कर रहे हैं. वह जुलाई 2026 से यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्र फैकल्टी में शामिल होंगे.

US छोड़ रहे नोबल पुरस्कार विजेता Abhijit Banerjee और Esther Duflo, कहीं ट्रंप की नीति तो नहीं वजह?
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( Image Source:  @Florian_Scheuer )

Abhijit Banerjee: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से दोबारा सत्ता में आए हैं, उनकी नीतियों की चर्चा दुनिया में हो रही है. नई-नई पॉलिसी से अब वहां के नागरिक भी परेशान हो गए हैं. दरअसल अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो जल्द ही यूएस छोड़ने वाले हैं. अब कहा जा रहा है कि उनके फैसले के पीछे ट्रंप की सख्त नीतियां हो सकती हैं.

दोनों ने अपना नया आशियाना स्विट्जरलैंड में बनाने का फैसला लिया है. यानी वो स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी से जुड़ने वाले हैं. इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को एक बयान जारी दी. हालांकि अमेरिका छोड़ने की असली वजह अभी सामने नहीं आई है.

अभिजीत बनर्जी छोड़ रहे अमेरिका?

ज्यूरिख यूनिवर्सिटी ने अपने बयान में कहा कि अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो फिलहाल MIT में काम कर रहे हैं. वह जुलाई 2026 से यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्र फैकल्टी में शामिल होंगे. यूनिवर्सिटी के चीफ माइकल शैपमैन ने कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी है कि दुनिया के दो सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्री UZH में आ रहे हैं.

बता दें कि डुफ्लो और बनर्जी को 2019 में माइकल क्रेमर के साथ अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके वैश्विक गरीबी को दूर करने के लिए आइडिया के लिए. उन्होंने अमेरिका छोड़ने का निर्णय क्यों लिया, लेकिन यह कदम ऐसे समय हो रहा है जब विशेषज्ञ यह चेतावनी दे रहे हैं.

क्या है वजह?

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प की फंडिंग में कटौती और विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमलों के कारण ब्रेन ड्रेन हो सकता है. डुफ्लो जो अमेरिकी-फ्रांसीसी दोहरी नागरिक हैं, मार्च में Le Monde में एक लेख में इसकी निंदा की थी.

जानें अभिजीत और डुफ्लो के बारे में

अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के एक अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने अपनी पढ़ाई भारत और अमेरिका में की. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. प्राप्त की और बाद में अमेरिका की मशहूर संस्था MIT में अर्थशासन पढ़ाया. उनका काम गरीबी से लड़ने की नीतियों पर आधारित है.

वहीं एस्टर डुफ्लो फ्रांस की रहने वाली अर्थशास्त्री हैं, जिनकी रूचि बचपन से ही गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में रही. उन्होंने पेरिस में पढ़ाई की और फिर MIT में अर्थशास्त्र की डिग्री प्राप्त की. दोनों ने मिलकर रैंडम नियंत्रित प्रयोगों की. इस विधि के जरिए यह खोजने की कोशिश की है कि गरीबी को खत्म करने में कौन-सी योजनाएं सबसे सही हैं. 2019 में इन्हें इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

डोनाल्ड ट्रंपवर्ल्‍ड न्‍यूज
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