September 7, 2025
रविवार 7 सितंबर को पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है. अगले 16 दिनों तक मृतक पूर्वजों के लिए पूजा की जाती है.
सनातन धर्म में इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है. इस दौरान पिंडदान, दान, पूजा का विशेष महत्व है.
गाय को महुआ या पलाश के पत्तों पर भोजन कराया जाता है. यह दैवीय आशीर्वाद और समृद्धि का प्रतीक है.
कुत्ते को पत्ते पर भोजन दिया जाता है. यह पितरों की संतुष्टि और आशीर्वाद के लिए किया जाता है.
कौवे को भोजन दिया जाता है, क्योंकि इसे पितरों का दूत माना जाता है.
चींटियों को भोजन दिया जाता है, जो प्राकृतिक ऊर्जा और जीवन के प्रति सम्मान का प्रतीक है.
विशेष स्थान पर देवताओं के लिए भोजन रखा जाता है, जिससे आशीर्वाद और पुण्य की प्राप्ति होती है.