October 9, 2025
क्या आप जानते हैं पुरुषों को भी मेनोपॉज़ होता है, जिसे एंड्रोपॉज़ कहा जाता है. यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन्स धीरे-धीरे कम होने लगते हैं. यह 40 से 55 साल की उम्र के बीच शुरू होता है.
टेस्टोस्टेरोन पुरुषों की मसल्स, एनर्जी, मूड और सेक्स ड्राइव को कंंट्रोल करता है. इसकी कमी से शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
एंड्रोपॉज़ के आम लक्षण में थकान और एनर्जी लेवल में गिरावट, सेक्स ड्राइव कम होना या मॉर्निंग इरेक्शन में कमी, नींद की दिक्कतें या वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन या फोकस की कमी और मसल्स लॉस और कमजोरी शामिल है.
पुरुष आमतौर पर इन बदलावों को उम्र बढ़ने का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कई बार ये एंड्रोपॉज़ का संकेत होते हैं.
हर महिला मेनोपॉज़ से गुजरती है, लेकिन हर पुरुष एंड्रोपॉज़ का एक्सपीरियंस नहीं करता. यह लाइफस्टाइल, तनाव और हेल्थ पर भी निर्भर करता है.
स्ट्रेस, खराब खानपान, स्मोकिंग, अल्कोहल और नींद की कमी टेस्टोस्टेरोन लेवल को तेजी से गिरा सकती है.
ज्यादातर मामलों में दवाइयां पहला सॉल्यूशन नहीं होतीं. एक्सपर्ट्स पहले नेचुरल तरीकों से हार्मोन बैलेंस करने की सलाह देते हैं.
लाइफस्टाइल बदलें. इसके लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और रोजाना एक्सरसाइज करें. हाई प्रोटीन और बैलेंस डाइट लें. अच्छी नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट बेहद जरूरी है.