December 18, 2025
पुराने समय में लोग जमीन पर बैठकर खाना खाते थे, जिससे सेहत को कई फायदे मिलते थे. आज भी गांवों में ये परंपरा जारी है. लेकिन शहरों में डाइनिंग टेबल या भागदौड़ की वजह से लोग थककर बिस्तर पर लेटकर ही खाना खा लेते हैं. बच्चों को भी ये आदत लग जाती है. लोग सोचते हैं ये आरामदायक है, लेकिन सच ये है कि ये आदत शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाती है. आइए जानते हैं विस्तार से इन नुकसानों को.
लेटकर खाने से खाना पेट में ठीक से नहीं पहुंच पाता. डाइजेस्टिव सिस्टम को खाना पचाने में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है. इससे गैस, अपच, पेट में भारीपन, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. सही तरीका: कुर्सी या जमीन पर सीधे बैठकर खाएं और खाने के बाद थोड़ी वॉक करें.
बिस्तर पर लेटकर या बैठकर खाने से ग्रेविटी की वजह से पेट का एसिड और खाना ऊपर की ओर आ सकता है. इससे एसिडिटी, सीने में जलन (हार्टबर्न), खट्टी डकारें और मुंह में खट्टा स्वाद आता है. अगर ये आदत जारी रही तो गैस्ट्रिक अल्सर या GERD जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से बचें, कम से कम 2-3 घंटे बैठे रहें.
हम अक्सर हिले-डुले बिना सो जाते हैं या आराम करते हैं. इससे कैलोरी बर्न नहीं होती और खाना ठीक से पचता नहीं. धीरे-धीरे शरीर में फैट इकट्ठा होता जाता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है. मोटापा, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स का खतरा बढ़ जाता है. वजन कंट्रोल करना चाहते हैं तो ये आदत तुरंत छोड़ें.
बिस्तर पर बैठकर खाने से पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे जलन या भारीपन महसूस होता है. इससे नींद की क्वालिटी खराब हो जाती है बार-बार करवटें बदलनी पड़ती हैं, अनिद्रा हो सकती है. अगली सुबह थकान और एनर्जी की कमी रहती है. बिस्तर को सिर्फ सोने के लिए रखें, खाना डाइनिंग एरिया में खत्म करें.
लेटकर या झुककर खाने से शरीर का पोस्चर गलत हो जाता है. रीढ़ की हड्डी और गर्दन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बैक पेन, नेक स्टिफनेस और लंबे समय में स्पाइन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. सही पोस्चर से हड्डियां मजबूत रहती हैं, गलत आदत से कमजोर पड़ती हैं.
पुरानी परंपरा में जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना सेहत के लिए बेहतरीन है पाचन अच्छा होता है, पोस्चर सही रहता है और माइंडफुल ईटिंग होती है. अगर संभव न हो तो डाइनिंग टेबल पर सीधे बैठकर खाएं. इससे सभी अंग सही पोजीशन में रहते हैं और शरीर को पूरा फायदा मिलता है.