December 8, 2025
ये वो केक है जिसके बिना भारत में क्रिसमस अधूरा है. महीनों पहले से किशमिश, काजू, बादाम, संतरे का छिलका रम या शराब में भिगोया जाता है. फिर मसाले, देसी घी और ब्राउन शुगर डालकर धीमी आँच पर बेक किया जाता है. काटते ही जो खुशबू आती है, वो बरसों की यादें ताज़ा कर देती है.
गोवा की सबसे पुरानी और सबसे मेहनत वाली मिठाई. नारियल का ताज़ा दूध, अंडे की जर्दी, घी और चीनी से 7 से 16 परतें बनाई जाती हैं. हर परत को अलग-अलग ओवन में सेंका जाता है. ऊपर से चमकदार ब्राउन, अंदर से नरम और जूसी. एक बार खाओगे तो साल भर याद रहेगी!
छोटे-छोटे घुंघराले आकार के तले हुए मीठे टुकड़े. आटे में घी और चीनी मिलाकर लम्बी रस्सी बनाई जाती है, फिर छोटे-छोटे टुकड़े करके काँटे पर लपेटकर तला जाता है. चाय के साथ खाओ या अकेले मुट्ठी भर के – रुकने का नाम नहीं लेते. गोवा-महाराष्ट्र के घरों में बच्चे इन्हें छुपाकर खाते हैं.
इसमें सिर्फ़ मेवे ही नहीं, पेठा, मार्मलेड, देसी घी और रम में भिगोए फ्रूट्स डाले जाते हैं. स्वाद ऐसा कि दुकानों के केक भूल जाओगे. पुराने ज़माने में इसे लकड़ी के चूल्हे पर बेक किया जाता था. आज भी कुछ घरों में महीनों पहले तैयारी शुरू हो जाती है.
लोहे के खास साँचे में डालकर गर्म तेल में डुबोया जाता है. बाहर से कुरकुरी, अंदर से हल्की मीठी. फूल का आकार इतना सुंदर कि बच्चे पहले फोटो खींचते हैं, फिर खाते हैं. केरल, गोवा और मंगलौर में इसे 'अच्यप्पम' भी कहते हैं.
सूखे मेवे, ब्रेड क्रम्ब्स, अंडे, मसाले और रम को मिलाकर भाप में घंटों पकाया जाता है. सर्व करते वक्त उस पर रम डालकर आग लगाई जाती है नीली आग में पुडिंग जलता हुआ आता है. कई ईसाई परिवारों में इसे साल भर पहले बनाकर रखते हैं जितना पुराना, उतना स्वादिष्ट.
1-छेना पोड़ा (ओडिशा का भुना हुआ पनीर केक) 2-नेवरियोस / गुजिया (मीठी गुजिया जिसमें नारियल-चीनी की स्टफ़िंग) 3-नानखटाई और घर की बनी ढेर सारी कुकीज़ 4-हर घर का अपना खास स्वाद और अपनी खास रेसिपी!