December 22, 2025
कश्मीर की सुंदरता की बात ही कुछ और है, लेकिन यहां ठंड से लोगों का हाल बेहाल हो जाता है. ऐसे ही कश्मीर में चिल्ला-ए-कलां शुरू हो गया है. चलिए जानते हैं आखिर यह है क्या?
चिल्ला-ए-कलां कश्मीर की पारंपरिक सर्दियों का समय है, जिसमें सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है.
चिल्ला-ए-कलां 40 दिनों तक चलता है, जिसमें तापमान माइनस में रहता है. यानी इस दौरान शरीर गलने वाली ठंड होती है.
आमतौर पर चिल्ला-ए-कलां दिसंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर जनवरी के अंत तक चलता है.
‘चिल्लई’ शब्द फारसी से लिया गया है, जिसका अर्थ 40 होता है, और ‘कलां’ का मतलब बड़ा या प्रमुख.
इस दौरान तापमान अक्सर शून्य से नीचे चला जाता है, झीलें जम जाती हैं और बर्फबारी आम हो जाती है.
इस दौरान कश्मीरी लोग ‘कांगड़ी’ (अंगारा रखने का पारंपरिक बर्तन), गर्म कपड़े और खास खान-पान का सहारा लेते हैं.