नया साल आते ही लोग भविष्य जानने के लिए ज्योतिष, राशि और हस्तरेखा का सहारा लेते हैं, लेकिन इस्लाम में इन्हें सख्त रूप से मना किया गया है. इस्लामिक स्कॉलर्स के अनुसार भविष्य का ज्ञान केवल अल्लाह के पास है और ऐसे तरीकों पर भरोसा करना शिर्क और अंधविश्वास को बढ़ावा देता है. कुरान और हदीस में फाल निकालने व काहिनों पर यकीन करने को ईमान के खिलाफ बताया गया है.