मो. रफ़ी सिर्फ गायक नहीं, एक रूहानी एहसास थे. गांव की गलियों में फकीर की आवाज़ से गाना सीखने वाले रफ़ी साहब ने 26 हजार से ज्यादा गाने गाए और हर दिल की धड़कन बन गए. उनकी सादगी, दरियादिली और संघर्षों की कहानियां आज भी दिल छू लेती हैं. लता मंगेशकर से मतभेद हो या गले से खून रिसता हुआ रिकॉर्डिंग करना – रफ़ी साहब हर हाल में सुरों के सिपाही रहे. इस वीडियो में जानिए उनके जीवन के अनसुने किस्से, संघर्ष और संगीत के पीछे की सच्ची दास्तान.