चातुर्मास हिन्दू धर्म में चार पवित्र महीनों का विशेष काल होता है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है. इस दौरान व्रत, संयम और सत्कर्मों का महत्व होता है. साधु-संत एक ही स्थान पर रहते हैं और धार्मिक अनुशासन का पालन करते हैं. खानपान व व्यवहार में भी संयम ज़रूरी होता है.