Begin typing your search...

अब UNSC में भारत को मिल सकती है परमानेंट सीट, पैरवी के बाद वीटो पावर देने पर सहमत नहीं अमेरिका!

UN में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे अधिक है और हम सच में UNSC में स्थाई सीट मिलने का समर्थन करते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि इसमें भारत को न शामिल करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए, लेकिन कई देश हैं जो इसका विरोध करेंगे। इसके बार में आगे बात की जाएगी।

अब UNSC में भारत को मिल सकती है परमानेंट सीट, पैरवी के बाद वीटो पावर देने पर सहमत नहीं अमेरिका!
X
नवनीत कुमार
by: नवनीत कुमार

Updated on: 14 Sept 2024 5:04 PM IST

भारत, जर्मनी और जापान के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थाई सीट देने की मांग को दोहराया है। सिर्फ भारत ही नहीं, और देश भी काफी समय से UN में बदलाव करने की मांग करते आ रहे हैं।

अमेरिका भी चाहता है कि UNSC में सुधार हो। UN में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम UNSC में चाहते हैं कि अफ्रीकी देशों को अस्थाई सदस्यता के साथ अफ्रीका को दो स्थाई सीटें भी मिले। लेकिन अमेरिका ने यह भी क्लियर कर दिया है कि वह वीटो पावर के विस्तार के पक्ष में कतई नहीं है।

भारत को मिलनी चाहिए सदस्यता

UN में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, "भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे अधिक है और हम सच में UNSC में स्थाई सीट मिलने का समर्थन करते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि इसमें भारत को न शामिल करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए, लेकिन कई देश हैं जो इसका विरोध करेंगे। इसके बार में आगे बात की जाएगी।"

अमेरिका नहीं देगा वीटो पावर

लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड के अलावा एक और अमेरिकी अधिकारी ने भी भारत को स्थाई सीट देने की बात का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कैरिबियाई देशों और लैटिन अमेरिकी देशों को स्थाई प्रतिनिधित्व देने का समर्थन किया है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका स्थाई सीट देने की बात का समर्थन करता है लेकिन वीटो पावर देने की बात का समर्थन नहीं करेगा।

G-4 के तीन देश को सपोर्ट

जी-4 में भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान आते हैं। अमेरिका ने भारत, जर्मनी और जापान को स्थाई सीट देने का समर्थन दिया है लेकिन ब्राजील को सपोर्ट करने से साफ़ मना कर दिया है।

क्या कहता है भारत?

भारत चाहता है कि सुरक्षा परिषद में हो। भारत का मानना है कि 1945 में बना UNSC 21वीं सदी के उद्देश्य से सही नहीं है। वह शांति और सुरक्षा चुनौतियों को सही नहीं कर पाई। भारत ने रूस-यूक्रेन जंग और इस्राइल-हमास के बीच हुए संघर्ष का उदहारण दिया।

अगला लेख