उत्तराखंड में घर लेना हुआ मुश्किल! धामी सरकार लेकर आ रही नया कानून, जानिए क्या हुआ बदलाव
धामी सरकार राज्य विधानसभा के अगले बजट सत्र में जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़ा नया कानून लेकर आएगी. इसमें नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर एक ही परिवार द्वारा अलग-अलग नामों से जमीन खरीदने वालों बिजनेस के मकसद से जमीनें खरीद कर बेचने वालों को लेकर सख्त नियम बनाए जाएंगे.

Uttarakhand News: उत्तराखंड में घर लेना अब आसान नहीं होने वाला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर नया कानून लेकर आने वाली है. इस कानून को भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरुप एक वृहद भू-कानून तैयार किया जा रहा है. इस संबंध में शुक्रवार (27 सितंबर) को सीएम धामी ने जानकारी दी.
जानकारी के अनुसार धामी सरकार राज्य विधानसभा के अगले बजट सत्र में जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़ा नया कानून लेकर आएगी. इसमें नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर एक ही परिवार द्वारा अलग-अलग नामों से जमीन खरीदने वालों बिजनेस के मकसद से जमीनें खरीद कर बेचने वालों को लेकर सख्त नियम बनाए जाएंगे.
क्या है नया कानून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवेदनशील है. सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप नए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर रही है. सीएम धामी ने कहा हमारी कोशिश है कि इसे अगले बजट सत्र में लाया जाए. उन्होंने बताया प्रदेश में एक ही परिवार के अलग-अलग नामों से जमीनें खरीदकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. इसकी जांच की जाएगी और जो व्यक्ति शामल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
विवरण किया जा रहा तैयार
उत्तराखंड के अंदर जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से भूमि खरीदी है. अगर उसका उपयोग उस मकसद से नहीं हो रहा है. ऐसी जमीनों के लिए विवरण तैयार किया जा रहा है. ऐसे लोगों को खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जमीनें राज्य सरकार में निहित की जाएंगी. सीएम ने कहा इस कदम से किसी भी व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं है. जो प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं और उद्योग लगाना चाहते हैं. सरकार की प्राथमिकता प्रदेश में तमाम हिस्सों में निवेश करने की है.
2017 में भी किया था बदलाव
सीएम धामी ने कहा कि साल 2017 में भूमि क्रय संबंधी नियमों में बदलाव किए गए थे, लेकिन इनका परिणाम संतोषजनक नहीं रहा है. सरकार इन प्रावधानों की समीक्षा कर रही है. अगर आवश्यक हुआ तो इन प्रावधानों को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा, राज्य के पर्यटन, शिक्षा, उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में निवेश करने वाले लोगों और संस्थाओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इन निवेशों से रोजगार पैदा होते हैं और अर्थव्यवस्था मजबूत होती है.