बाबा रामदेव ने की 5 क्रांतियों की घोषणा, नशा मुक्ति और शिक्षा के लिए करेंगे काम
बाबा रामदेव के पतंजलि वेलनेस योग भवन में रविवार को पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. पतंजलि संस्थान के 30 सालों की इस यात्रा ने न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में योग और आयुर्वेद को एक नई पहचान दी है. इसका भविष्य और भी उज्ज्वल होने वाला है.

हरिद्वार स्थित पतंजलि वेलनेस योग भवन में रविवार को पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की उपस्थिति ने इसे और खास बना दिया.
स्वामी रामदेव ने 30 सालों की सेवा, संघर्ष और साधना का स्मरण करते हुए पतंजलि की आगामी योजनाओं का खुलासा किया. उन्होंने "पांच क्रांतियों" की घोषणा की—शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक स्वतंत्रता, वैचारिक-सांस्कृतिक स्वतंत्रता, और नशा-मुक्ति.
नई शिक्षा व्यवस्था की नींव
स्वामी रामदेव ने कहा कि देश में बेरोजगारी, नशे और चरित्रहीनता की समस्याओं को देखते हुए नई शिक्षा प्रणाली शुरू करने का समय आ गया है. उन्होंने अगले पांच सालों में 5 लाख स्कूलों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा.
स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति
रामदेव ने चिकित्सा के क्षेत्र में योग और आयुर्वेद के जरिए लोगों को स्वस्थ जीवन देने की बात कही. उन्होंने कहा कि बीपी, शुगर, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का इलाज करके हर साल देश के लाखों करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं.
आर्थिक आजादी का स्वदेशी आंदोलन
स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक लूट और गरीबी को खत्म करना ही भारत को वैभवशाली बना सकता है पतंजलि के उत्पादों और सेवाओं से स्वदेशी आंदोलन को नई दिशा दी जाएगी.
सांस्कृतिक स्वतंत्रता
उन्होंने भारत की सांस्कृतिक गुलामी को खत्म करने को भी कहा. रामदेव ने कहा कि भारत को अपनी प्राचीन परंपराओं और योगधर्म को बढ़ावा देकर दुनियाभर का नेतृत्व करना चाहिए.
नशा और भोग से मुक्ति
रामदेव ने पांचवीं क्रांति के तहत नशा, भोग से मुक्त समाज बनाने की बात कही. उनका कहना था कि योग और चरित्र निर्माण से एक अच्छे नागरिक का बनना संभव है.
पतंजलि का 100% लाभ चैरिटी के लिए
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि का पूरा मुनाफा समाज सेवा और चैरिटी में लगाया जाता है. उन्होंने पतंजलि को एक परिवार बताया, न कि सिर्फ एक व्यापार.
माडर्न साइंस
बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि की वैज्ञानिक टीम आयुर्वेदिक दवाओं को माडर्न रिसर्च के साथ विश्वभर में पहुंचा रही है. उन्होंने 200 देशों में योग और आयुर्वेद को फैलाने का श्रेय पतंजलि को दिया.
पतंजलि संस्थान के 30 सालों की इस यात्रा ने न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में योग और आयुर्वेद को एक नई पहचान दी है. इसका भविष्य और भी उज्ज्वल होने वाला है.