UP के लिए योगी ने खोल दिया खजाना, फ्री स्कूटी, स्मार्ट सिटी, एक्सप्रेसवे की सौगात
योगी सरकार 2.0 का आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% अधिक है. इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, धार्मिक पर्यटन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% अधिक है. इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं, धार्मिक पर्यटन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है.
बुनियादी ढांचा परियोजनाएं- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 900 करोड़ रुपये, विंध्य और बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे के लिए 50-50 करोड़ रुपये, और गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
सड़क एवं परिवहन अवसंरचना-
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार मेरठ से हरिद्वार और प्रयागराज से वाराणसी होते हुए विंध्याचल देवी धाम, मिर्जापुर तक किया जाएगा.
फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और नए लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए पूरे प्रदेश की कनेक्टिविटी बढ़ेगी.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा.
बजट आवंटन-
अवस्थापना विकास: 22%
शिक्षा: 13%
कृषि और सम्बद्ध सेवाएं: 11%
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: 6%
सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम: 4%
पूंजीगत परिव्यय: 20.5%
शिक्षा एवं डिजिटल उन्नयन-
सरकारी स्कूलों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लासेस की स्थापना।
पॉलीटेक्निक कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लासेस।
अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं।
तकनीकी नवाचार और विज्ञान अनुसंधान-
उत्तर प्रदेश को तकनीकी हब बनाने के लिए 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी' की स्थापना.
साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की योजना.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस.
साइंस सिटी, विज्ञान पार्क और नक्षत्रशालाओं की स्थापना.
स्मार्ट नगर निकाय-
58 नगर निकायों को 'आदर्श स्मार्ट नगर निकाय' के रूप में विकसित किया जाएगा.
प्रत्येक नगर निकाय को 2.50 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी.
कुल 145 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
श्रमिकों एवं कामगारों के लिए योजनाएं-
जिला मुख्यालयों में श्रमिक अड्डों की स्थापना.
कैंटीन, पीने का पानी, स्नानागार और शौचालय की सुविधाएं.
श्रमिकों के जीवन स्तर सुधारने पर ध्यान.
गरीब कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा-
'जीरो पॉवर्टी अभियान' के तहत निर्धनतम परिवारों की पहचान.
वार्षिक आय 1,25,000 रुपये तक लाने का लक्ष्य.
गरीबों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने पर जोर.
प्रदेश में निवेश और विकास-
बजट प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने पर केंद्रित.
आधुनिकता, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं.
औद्योगिक विस्तार और निवेश आकर्षण के लिए नीतियां.