भैंस खरीदने के लिए दूसरी शादी करने पहुंची महिला! सामूहिक विवाह में ऐसे खुली पोल
UP Viral News: उत्तर प्रदेश के हसनपुर में सामूहिक विवाह में एक महिला पहले पति से होते हुए दूसरी शादी करने पहुंची. अस्मा नाम की महिला का उसके पति से तलाक नहीं हुआ था. फिर भी वह किसी और से दोबारा शादी करने जा रही थी. अचानक ससुराल वाले पहुंचे और इसे रुकवा. महिला ने पूछताछ में बताया कि वह भैंस खरीदना चाहती थी, इसलिए दूसरी शादी करने जा रही थी.

UP Viral News: देश में इन दिनों वेडिंग सीजन चल रहा है. कुछ जगहों पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम भी कराए जा रहे हैं. अब यूपी के हसनपुर में सामूहिक विवाह में कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर सब चौंक गए. एक कॉलेज के हॉल में शादियां कराई जा रही थी. जिसमें 300 दूल्हे और दुल्हनें अपने परिवार के साथ मौजूद थी. तभी कुछ लोग आए और एक लड़की की शादी रुकवा दी. बाद में पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हॉल में कुछ मेहमान आए और अस्मा नाम की युवती की शादी होने से रोक दी. क्योंकि उसकी पहले ही शादी हो चुकी थी, बिना पहले पति को तलाक दिए दूसरी बार शादी के बंधन में बंधने जा रही थी. परिवार के पूछने पर महिला ने कहा कि वह भैंस खरीदना चाहती थी इसलिए दूसरी शादी कर रही थी. यह सुनकर सभी दंग रह गए.
क्या है मामला?
रिपोर्ट में बताया गया कि अस्मा अपने पहले पति से तलाक लिए बिना दूसरी शादी कर रही थी. उसने तीन साल पहले नूर मोहम्मद से शादी की थी. अस्मा ने कहा, दोनों के बीच कई बार झगड़ा हुआ और अस्मा करीब छह महीने पहले अपने माता-पिता के घर वापस चली गई. उनका तलाक केस कोर्ट में पेंडिंग है. एक दिन अस्मा को सरकार की ओर से चलाए जाने वाले सामूहिक विवाह और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के बारे में पता चला. जिसमें दुल्हन के लिए 35,000 रुपये सहित जोड़ों के लिए मुफ्त सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, तो उसने अपने चचेरे भाई जाबेर अहमद से शादी करने का फैसला किया.
भैंस के लिए शादी
योजना के तहत मिलने वाले पैसे और सामान को अस्मा और जाबेर अहमद ने आपस में बांटने का फैसला लिया. इसमें एक डिनर सेट, दूल्हा-दुल्हन के लिए दो जोड़ी कपड़े, एक दीवार घड़ी, एक वैनिटी किट, एक दुपट्टा, चांदी की अंगूठियां और पायल और एक लंच बॉक्स शामिल है. इसके अलावा दोनों ने कैश से भैंसें खरीदने का फैसला लिया. जानकारी होने पर अस्मा के ससुर जब विवाह प्रमाण पत्र लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार ने मामला पुलिस को सौंप दिया. दोनों के खिलाफ मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के नियमों का उल्लंघन करने, अनुचित लाभ लेने के लिए आवेदन करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.