कौन है उज्मा सैय्यद परवीन, एक मुस्लिम महिला जो महाकुंभ में बांट रही दवा, भोजन और पानी की बोतल?
Mahakumbh Viral Video: महाकुंभ में मुस्लिम महिला उज्मा सैय्यद परवीन भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं की मदद करने पहुंची. उन्होंने लोगों को फ्री में खाना, पानी और दवाइयां बांटी. परवीन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. इससे पहले उन्होंने कोविड में मजदूरों की मदद की थी.

Uzma Syed Parveen: प्रयागराज महाकुंभ में देश-विदेश की लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. प्रशासन की ओर से कुंभ में आए भक्तों की मदद के लिए बहुत सी व्यवस्था की गई है. जगह-जगह अखाड़ों की तरफ से भंडारा भी किया जा रहा है. इस बीच एक मुस्लिम मिला महाकुंभ में आए लोगों को फ्री दवाई और खाना बांटती जा रही है. सोशल मीडिया पर इस महिला की लोग बहुत तारीख कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की मदद करने वाली इस मुस्लिम महिला का नाम उज्मा सैय्यद परवीन है. उन्होंने कोविड काल के दौरान भी लोगों की फ्री में मदद की है. भक्तों को भोजन, पानी और दवाई की किट उपलब्ध कराई है. लोग उनकी इस सेवा की बहुत तारीफ कर रहे हैं.
महाकुंभ में फ्री में खाना बांट रही परवीन
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए, जिसमें उज्मा सैय्यद परवीन कुंभ में आए लोगों की मदद करते नजर आ रही हैं. वह एक कार की डिक्की से सामान निकालकर लोगों के बीच बांट रही हैं. वे जमीन पर बैठै लोगों के बीच जाती हैं और उन्हें दवाई कीट, खाना व पानी की बोतल दे रही हैं. आपको बता दें कि कोरोना महामार के दौरान उन्होंने परिवार के खर्चों को बचाकर मजदूरों को खाना खिलाने के लिए करीब 8 लाख रुपये खर्च किए थे.
कोरोना में सामने आया वीडियो
परवीन का कोविड में मदद करते हुए वीडियो भी सामने आया. जिसमें उन्होंने बताया कि मुझे और मेरे परिवार को तोड़ने की कोशिश हो रही है. हमसे हमारा संवैधानिक हक छीना जा रहा है. मुझे अपने देश से बेहद मोहब्बत है. इसलिए मैंने अपने बच्चों की स्कूल की फीस सेविंग कर रखी थी. उसको भी इस सैनिटाइजेशन में लगा दिया. मजदूर पलायन कर रहे थे, उन्हें खाना खिलाने में करीब 8 लाख खर्च कर दिए. लेकिन मुझे हाउस अरेस्ट कर दिया गया.
उज्मा सैय्यद परवीन?
उज्मा सैय्यद परवीन AIMIM की पार्टी से हैं. वह बुर्के वाली महिला के रूप में फेमस हैं. वह लखनऊ में सीएए-एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों का मुख्य चेहरा थीं. इसके बाद उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान AIMIM में शामिल हुईं. असुद्दीन ओवैसी ने उन्हें कानपुर में पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.