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180 किलो सोना और 126 करोड़ से भी अधिक की लागत, राम मंदिर के गर्भगृह में लगने को तैयार है महायंत्र

आंध्रप्रदेश से पांच राज्य में रथ के जरिए होते हुए महायंत्र अयोध्या में पहुंचा है. इस महायंत्र को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा. वहीं इस रथ का स्वरूप किसी मंदिर से कम नहीं है, जिसमें श्री कांची कामकोटि पीठ का स्वरूप दर्शाया गया है.

180 किलो सोना और 126 करोड़ से भी अधिक की लागत, राम मंदिर के गर्भगृह में लगने को तैयार है महायंत्र
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 18 Nov 2024 12:58 PM

भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में 180 अष्टधातु से तैयार हुआ राम महा यंत्र अयोध्या धाम पहुंचा है. बता दें कि, इस महायंत्र को रामलला के मंदिर में स्थापित किया जाने वाला है. कांची से रथ तैयार तैयार कर उसमें इसे रवाना किया गया. जगह-जगह इस यंत्र का भव्य स्वागत भी देखने को मिला है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस महायंत्र को तैयार करने 180 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है. इसे तैयार करने में कुस 126 करोड़ रुपये से भी अधिक का खर्च होने की जानकारी सामने आई है.

प्रयागराज पहुंचा यंत्र

वहीं रविवार को वैदिक आचार्यों का दल रविवार को श्रीयंत्र रथयात्रा लेकर प्रयागराज पहुंचा. वहीं सोमवार को यह रथयात्रा अयोध्या में ही कार सेवकपुरम में पहुंचने वाली है. वहीं स्वामी रामचंद्र महाराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह रथयात्रा पांच राज्यों से होते हुए 20 दिनों में कटनी जिले तक पहुंची है. इस यंत्र में भगवान श्री राम का बीज मंत्र भी लिखा गया है. इतना ही नहीं चारों ओर देवी देवताओं के मंत्रों भी इस यंत्र पर शामिल किए गए हैं. बताया गया कि इस यंत्र को स्वामी विजयेंद्र के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है.

45 दिनों तक होंगे यज्ञ और अनुष्ठान

आपको बता दें कि अयोध्या में एक बार इस रथ के पहुंच जाने के बाद 45 दिनों तक 1200 से भी ज्यादा संतों द्वारा सहस्त्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ और अनुष्ठान आयोजित किए जाने वाले हैं. वहीं इन यज्ञों के बाद श्री बीज मंत्र और कई देवी देवताओं के मंत्रों के जुड़े हुए इस यंत्र को राम मंदिर में स्थापित किया जाने वाला है.

शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने लिया था संकल्प

वहीं कराचार्य शंकर विजयेंद्र ने उसी दिन गर्भगृह में सोने का राम श्रीयंत्र स्थापित करने का संकल्प लिया था. सोने के पत्तरों से तैयार किए गए श्रीयंत्र तैयार होने के बाद 17 अक्टूबर को कांची मठ से भव्य रथ पर अयोध्या के लिए यात्रा निकाली गई. उस समय यह यात्रा उत्तर प्रदेश के धर्म प्रचारक रामचंद्रन के नेतृत्व में निकाली गई थी. उस दौरान खुद शंकराचार्य ने आरती करके श्रीयंत्र को रवाना किया था.

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