आज़म को आजादी मिलते ही पुलिस ने ठोक दिया डेढ़ लाख का चालान! रामपुर पहुंचते ही DSP से ले लिया बेवजह पंगा- Video Viral
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए तो समर्थकों ने ज़बरदस्त जश्न मनाया, लेकिन काफिले की 100 से ज्यादा गाड़ियों ने ट्रैफिक नियम तोड़े. पुलिस ने 73 गाड़ियों पर कार्रवाई करते हुए डेढ़ लाख रुपये का चालान ठोका. रामपुर पहुंचते ही DSP से आज़म खान की झड़प का वीडियो भी वायरल हो गया.

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर आ गए. जैसे ही वो काला चश्मा, सफेद कुर्ता और काली सदरी पहनकर जेल से निकले, समर्थकों की भीड़ फट पड़ी. नारे गूंजे- 'आज के हीरो, आज़म साहब! तो वहीं सोशल मीडिया में हल्ला मचा आजम साहब आजादी मुबारक!
सुबह से ही सीतापुर जेल के बाहर 400 से ज्यादा समर्थक और समाजवादी कार्यकर्ता जमा थे. तय समय पर 9 बजे रिहाई होनी थी, लेकिन रामपुर कोर्ट में पुराने केस का 6 हजार का जुर्माना देर से भरा गया. दोपहर 12:30 बजे जैसे ही औपचारिकताएं पूरी हुईं, जेल का गेट खुला और आज़म खान अपने दोनों बेटों अदीब और अब्दुल्ला से गले लगते दिखे. इसके बाद करीब 100 गाड़ियों का काफिला रामपुर के लिए रवाना हुआ, जिसने पूरे यूपी में राजनीतिक संदेश छोड़ दिया. अब आइए जानते हैं जेल से बाहर आने के बाज आजम खान ने क्या-क्या किया.
ट्रैफिक नियमों की धज्जियां, 73 गाड़ियों पर चला डंडा
आज़म खान की रिहाई खुशी का जश्न बन गई लेकिन समर्थकों ने ट्रैफिक नियमों को ताख पर रख दिया। तेज रफ्तार, सनरूफ से हाथ लहराना और स्टंटबाजी—सबकुछ कैमरे में कैद हुआ। नतीजा ये रहा कि ट्रैफिक पुलिस ने 73 गाड़ियों का चालान ठोक दिया। कुल 1.49 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. क इंस्पेक्टर फरीद अहमद बोले—“इतनी गाड़ियां एक साथ उतरने से जाम और अव्यवस्था फैल गई थी, इसलिए तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी.'
रामपुर पहुंचते ही DSP से भिड़े आज़म
रामपुर पहुंचने पर आज़म खान का गुस्सा भी देखने को मिला.रास्ता ब्लॉक करने पर उन्होंने DSP राजवीर सिंह परिहार को डांट दिया.साफिरों को पुलिस परेशान कर रही है, आखिरकार राह चलने वालों को क्यों परेशान किया जा रहा है?DSP ने सफाई दी कि जाम हटवाते हुए आपकी गाड़ी को पहले निकलवाया गया, मेरी गाड़ी थोड़ी दूर तक साथ चली.' रिहाई के बाद जब मीडिया ने बसपा में जाने पर सवाल किया तो आज़म ने सीधा जवाब टाल दिया कि यह अटकलें लगाने वाले ही बता सकते हैं। मैं जेल में किसी से नहीं मिला, फोन करने की इजाजत तक नहीं थी. राजनीतिक भविष्य पर उन्होंने दो टूक कहा कि अभी तो अपना इलाज कराऊंगा। सेहत ठीक करूंगा. उसके बाद सोचेंगे.'
अखिलेश यादव और चंद्रशेखर का रिएक्शन
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही संकेत दिए थे कि उनकी सरकार आने पर आज़म खान के केस खत्म किए जाएंगे। जब इस पर सवाल किया गया तो आज़म मुस्कुरा कर चुप रह गए. वहीं, आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि 'आज़म खान मेरे बड़े भाई जैसे हैं. इस सरकार ने उन पर बहुत जुल्म किया। मेरे उनके साथ राजनीतिक रिश्ते नहीं, पारिवारिक रिश्ते हैं. मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा.'
आज़म पर 104 केस, लेकिन भीड़ में दिखा हीरो वाला अंदाज़
आज़म खान पर कुल 104 केस दर्ज हैं. हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें बीयर बार कब्जे मामले में जमानत दी थी. यही आखिरी केस था जिसमें अड़चन थी। पुलिस ने शत्रु संपत्ति केस की धाराएं जोड़ने की कोशिश की लेकिन कोर्ट ने 20 सितंबर को उन्हें खारिज कर दिया. रामपुर पहुंचने पर उनका स्वागत फूलों की बरसात, नारों और भारी भीड़ से हुआ। जेल से निकले तो कहा कि 'सबका शुक्रिया. बहुत सी दुआएं उन सबके लिए जिन्होंने समर्थन दिया. मैंने दुश्मनों के साथ भी अच्छा सलूक किया.'
योगी सरकार बनाम आज़म खान
आज़म खान की रिहाई ने यूपी की राजनीति में फिर से बवाली माहौल बना दिया है. समर्थक इसे “सियासी जीत” बता रहे हैं तो विरोधी इसे “कानून की हार” कह रहे हैं. सवाल ये है कि क्या आज़म खान वापसी कर पाएंगे या फिर यह रिहाई सिर्फ एक प्रतीकात्मक जश्न है? लेकिन इतना तय है 23 महीने बाद बाहर निकलते ही आज़म ने योगी सरकार को सीधा संदेश दे दिया है कि 'आज का हीरो' अब मैदान में लौट आया है.