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9 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप! बॉलीवुड के इन दो एक्टर्स पर UP में FIR दर्ज

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाला मामले में बॉलीवुड एक्टर आलोक नाथ, श्रेयस तलपड़े और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

9 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप! बॉलीवुड के इन दो एक्टर्स पर UP में FIR दर्ज
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Uttar Pradesh
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 2 Feb 2025 3:09 PM IST

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमती नगर थाने में बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ, श्रेयस तलपड़े और एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के पांच सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि सातों आरोपियों ने कथित तौर पर 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये ठगे हैं.

एफआईआर के मुताबिक, दोनों बॉलीवुड एक्टर्स और 11 अन्य लोगों पर हरियाणा के सोनीपत में भी इसी मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले में मामला दर्ज किया गया था. मामला एक कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ा है, जो लाखों लोगों से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के बाद अचानक गायब हो गई.

पैसे लेकर निवेशक हुए फरार

यह सोसाइटी पिछले छह साल से लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही थी, लेकिन जब लोगों ने अपना पैसा वापस मांगा तो इसके निदेशक फरार हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों एक्टर्स ने इस सोसाइटी की निवेश योजनाओं का प्रचार किया था, जबकि इसके एक कार्यक्रम में एक अन्य एक्टर सोनू सूद भी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे.

क्या है पूरा मामला?

एफआईआर के मुताबिक, 'ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी' नाम की इस संस्था ने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में अपना कारोबार शुरू किया था. यह सोसाइटी इंदौर, मध्य प्रदेश में रजिस्टर्ड थी और मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत काम कर रही थी. इस सोसाइटी ने निवेशकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) स्कीम में निवेश करने और आकर्षक ब्याज दरों का लालच दिया था.

इसके बाद सोसायटी ने मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) का मॉडल अपनाया और लोगों को बड़े लालच देकर उनसे पैसे जुटाए. धीरे-धीरे सोसायटी ने खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में स्थापित किया और निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा.

सोसायटी से जुड़े एजेंट विपुल ने बताया कि उन्होंने 1,000 से ज्यादा खाते खुलवाए थे, लेकिन इनमें से किसी भी खाते में अब तक पैसे नहीं आए हैं. इस सोसायटी की पूरे प्रदेश में 250 से ज्यादा शाखाएं हैं और करीब 50 लाख लोग इससे जुड़े हुए हैं.

विपुल ने आगे बताया कि एजेंटों के जरिए घर-घर जाकर लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था. इस काम के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी सहारा लिया जाता था. इसके अलावा सोसायटी ने होटलों में बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें निवेशकों और एजेंटों को भरोसा दिलाया जाता था कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है.

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