वीडियो न देखें न शेयर करें... रैपिड रेल में अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आई पुलिस, फॉरवर्ड न करने की दी चेतावनी
मुरादनगर थाने में एनसीआरटीसी के सुरक्षा प्रमुख की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. मुकदमा अज्ञात युवक-युवती और ट्रेन ऑपरेटर ऋषभ के खिलाफ दर्ज हुआ है. आरोप सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता फैलाने, निजता का उल्लंघन करने और आईटी एक्ट के तहत वीडियो वायरल करने के हैं.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में नमो भारत रैपिड रेल (जिसे आरआरटीएस भी कहा जाता है) से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यह घटना 24 नवंबर 2025 की है, जब दुहाई स्टेशन से मुरादनगर (या मोदीनगर नॉर्थ) की ओर जा रही ट्रेन के प्रीमियम कोच में एक युवक और एक युवती ने सार्वजनिक स्थान पर आपत्तिजनक और अश्लील हरकतें की. यह पूरी घटना ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई।बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.
वीडियो में साफ दिख रहा था कि ट्रेन चल रही थी और कोच में कुछ अन्य यात्री भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की। वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे देखते और शेयर करते रहे, जिससे मामला और बड़ा हो गया. जानकारी मिली है कि युवक और युवती दोनों कॉलेज स्टूडेंट्स हैं. युवती बीसीए की पढ़ाई कर रही है और युवक इंजीनियरिंग का छात्र है. दोनों अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ते हैं और एक ही इलाके के रहने वाले हैं.
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गंभीर उल्लंघन
जांच में पता चला कि यह वीडियो ट्रेन के ऑपरेटर ऋषभ कुमार ने सीसीटीवी की लाइव फुटेज को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डाल दिया था. यह गंभीर उल्लंघन था, क्योंकि ट्रेन की सुरक्षा नियमों में ऐसा करना सख्त मना है. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने तुरंत कार्रवाई की और ऋषभ को नौकरी से बर्खास्त कर दिया.
दोनों स्टूडेंट्स की है तलाश
मुरादनगर थाने में एनसीआरटीसी के सुरक्षा प्रमुख की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. मुकदमा अज्ञात युवक-युवती और ट्रेन ऑपरेटर ऋषभ के खिलाफ दर्ज हुआ है. आरोप सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता फैलाने, निजता का उल्लंघन करने और आईटी एक्ट के तहत वीडियो वायरल करने के हैं. पुलिस अब दोनों स्टूडेंट्स की तलाश कर रही है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी आया है कि वीडियो वायरल होने से युवती पर बहुत बुरा असर पड़ा और वह मानसिक तनाव में चली गई, लेकिन पुलिस इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है.
वीडियो को न देखें न भेजे
पुलिस और रेल अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि ऐसे वायरल वीडियो को न देखें, न शेयर करें और न आगे भेजें. ऐसा करने से न केवल कानूनी समस्या बढ़ती है, बल्कि इससे जुड़े लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से बहुत नुकसान होता है. सार्वजनिक परिवहन जैसे ट्रेन में सभी यात्रियों को मर्यादा बनाए रखनी चाहिए, ताकि सब सुरक्षित और आराम से यात्रा कर सकें. यह मामला सार्वजनिक सुरक्षा, निजता और सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर बड़े सवाल उठा रहा है. पुलिस की साइबर टीम डिजिटल तरीके से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी तक पहुंचने की उम्मीद है.





